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Home चमोली

जय श्रीरामः कोठियालसैंण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुरू हुई रामलीला– 

laxmi Purohit by laxmi Purohit
03/11/2022
in चमोली, संस्कृति
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लंकापति रावण, कुंभकरण और विभीषण ब्रह्मदेव की तपस्या करते हुए-

लंकापति रावण, कुंभकरण और विभीषण ब्रह्मदेव की तपस्या करते हुए-

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राम और सीता के जन्मोत्सव के बाद किया मिष्ठान वितरण, श्रीराम के आदर्शों पर चलने का आह्वान–  

गोपेश्वरः चमोली बाजार के समीप कोठियालसैंण में श्रीराम और सीता के जन्मोत्सव के साथ रामलीला का मंचन शुरू हो गया है। इस दौरान स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी दी। कोठियालसैंण में बीते लंबे समय से स्थानीय लोग प्रतिवर्ष रामलीला का आयोजन करते आ रहे हैं। रामलीला कमेटी के संरक्षक व कुशल उद्यमी एस कुंवर ने रामलीला मंचन का उद्घाटन कर दर्शकों को भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।

रामलीला के पहले दिन राम और सीता का जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान मिष्ठान वितरण भी किया गया। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष धीरेंद्र‌ सिंह गरोड़िया ने बताया कि रामलीला में महिला पात्र का अभिनय भी महिलाएं कर रही हैं। कड़ाके की ठंड के बावजूद भी रामलीला को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक पहुंच रहे हैं। 

पहले दिन की रामलीला में लंकापति रावण, कुंभकरण और विभीषण ब्रह्मदेव की तपस्या करते हैं। उनकी तपस्या से खुश होकर ब्रह्मदेव रावण को अमर रहने, कुंभकरण को छह माह की निंद्रा और विभीषण को भगवान की भक्ति में लीन रहने का वरदान देते हैं। वरदान मिलते ही अहंकारी रावण अपने तपोबल से कैलाश पर्वत को हिलाता है, जिससे नाराज भगवान शिव उसे श्राप देते हैं और तांडव करने लगते हैं। रावण के उत्पात से दुखी देवतागण भगवान विष्णु की शरण में जाते हैं। भगवान विष्णु उन्हें त्रेता युग में राम अवतार लेकर रावण के विनाश का आश्वासन देते हैं। 

Tags: chamoli
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