रुद्रप्रयाग। मंगलवार को श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच सिरोहबगड़ में कोरोना चेकपोस्ट पर रात नौ बजे कार्य निपटने के बाद जब कोरोना ड्यूटी में लगे कार्यकर्ता/कर्मचारी गीताराम पुरी, मातवर सिंह बिष्ट और रामचंद्र चमोला वापस रुद्रपयाग अपने निवास की ओर आ रहे थे। वे अपने निजी वाहन में सवार थे। रात करीब नौ बजे नरकोटा के पास भूस्खलन से खतरनाक बने स्थल पर अचानक पहाड़ी भरभराकर टूट पड़ी। वाहन के आगे से पत्थर और मलबे की बरसात होने लगी। सभी कर्मचारी सहम गए, वाहन गीताराम पुरी चला रहे थे। उन्होंने साहस और धैर्य का परिचय देते हुए वाहन को सकुशल भूस्खलन क्षेत्र से सुरक्षित निकाल दिया। हालांकि वाहन का अलगा हिस्सा पत्थरों की चपेट में आने से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। कर्मचारी गीताराम की सजगता से तीनों कर्मचारियों की जान बच गई। यह स्थान आने वाले बरसात में और भी अधिक खतरनाक होगा व कोरोना कार्यकर्ताओं के लिए चेकपोस्ट के समीप ठहरने की व्यवस्था न होने के कारण संकट में पड़ सकते हैं। प्रशासन को कोरोना ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के ठहरने व खाने की व्यवस्था चेकपोस्ट के निकट खांकरा करने करनी चाहिए, जिससे किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान न हो।