वीजेंद्र और मनीषा के सिर से उठा माता-पिता का साया, सामने है चुनौतियों का पहाड़–
जोशीमठः 18 नवंबर को उर्गम-पल्ला जखोला मोटर मार्ग पर जो वाहन दुर्घटना हुई, उसमें डुमक गांव के ताजवर सिंह भंडारी और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी भी सवार थीं। दोनों की इस दर्दनाक हादसे में मौत के बाद अब उनके बेटे वीजेंद्र और मनीषा का बदहवास होकर रो-रोकर बुरा हाल है।
उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया है। दोनों भाई-बहन के सिर से माता-पिता का साया उठ जाने के बाद दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दोनों भाई बहन के सामने भविष्य की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। कैसे उनकी पढ़ाई आगे बढ़ेगी और घर का खर्चा कैसे चलेगा।
16 साल का विजेंद्र 12वीं कक्षा में पढ़ता है और 20 साल की मनीषा राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ में पढ़ाई कर रही है। दोनों बच्चों के दादा-दादी और ताऊ का पहले ही निधन हो चुका है। अब माता-पिता की मौत के बाद अब इनके सामने जिंदगी की चुनौतियां हैं। इनके मृतक पिता ताजबर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में कर्मचारी थे।
ताजबर परिवार के साथ जोशीमठ में किराए के मकान में रहते थे। डुमक में उनके रिश्तेदार की शादी थी। जिसके लिए दोनों पति-पत्नी डुमक जा रहे थे। उनके दोनों बच्चे भी शादी में जाना चाह रहे थे, लेकिन माता पिता के रोकने पर दोनों जोशीमठ में ही रुक गए। कहा कि 21 नवंबर को शादी होते ही दोनों 22 नवंबर को वापस जोशीमठ लौट आएंगे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।