आक्रोशः कनोल ग्राम पंचायत के गांवों तक सड़क पहुंचाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा प्रशासन–

by | Nov 26, 2022 | चमोली, सड़क | 0 comments

छह साल से वन भूमि हस्तांतरण पर रुका सड़क का निर्माण, अब आंदोलन के मूड़ में ग्रामीण–

गोपेश्वरः नंदानगर विकास खंड के ग्राम पंचायत कनोल के बडगुना, शर्मा, गडगाड़, तेहज्या और प्राणमती गांव के ग्रामीण पिछले छह सालों से अपने गांवों को सड़क से जोड़ने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन इस मांग पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।

वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए सितेल-लेटालाञ-प्राणमती सड़क की घोषणा की, लेकिन आज तक सड़क निर्माण का काम शुरू नही हो पाया है। अब ग्रामीण आंदोलन के मूड़ में हैं। जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि मोटर मार्ग के वन भूमि की हस्तांतरण की कार्रवाई पूर्ण नहीं हुई तो 21 दिसंबर से जिला मुख्यालय पर जनांदोलन के साथ ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा।  

ग्राम प्रधान सरस्वती देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य कंचन सिंह नेगी, वन पंचायत सरपंच बलवंत सिंह नेगी और सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र सिंह माही ने बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश कुमार दूबे से भेंट कर शीघ्र सड़क निर्माण के लिए वन भूमि का मसला हल करने की मांग उठाई।

उन्होंने कहा कि लगातार एक माह तक आंदोलन करने के बाद 2018 में मुख्यमंत्री ने सड़क की घोषणा की, लेकिन तब से लेकर आज तक लोनिवि के अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मोटर मार्ग के निर्माण की ओर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है।

जब भी विभागों से इस विषय में पूछताछ़ की जाती है तो जबाव मिलता है कि फाइल सर्किल ऑफिस पौड़ी को भेज रखी है। 2022 में आक्रोशित प्राणमती और बड़गुना गांव के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था, तब तहसीलदार और वन विभाग के रेंजर ने सड़क निर्माण का लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन यह सिर्फ कोरा आश्वासन निकला।  

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