21 से जिला मुख्यालय पर होगा आंदोलन, पढें, क्या कह रहे वन विभाग के डीएफओ–
चमोली। चमोली जनपद की बड़ी आबादी के गांव कनोल के ग्रामीण अब सड़क निर्माण के लिए आंदोलन के मूड़ में हैं। ग्राम पंचायत के लेटाला, प्राणमती, मानी, सरमा और बड़गुना गांव में करीब 2500 की आबादी है।
आज भी ग्रामीण अपने गंतव्य तक जाने के लिए करीब नौ किलोमीटर की दूरी पैदल नापते हैं। वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रामीणों की मांग पर सितेल- लेटाला-प्राणमती (15 किमी) सड़क निर्माण को मंजूरी दी। उसी दौरान लोक निर्माण विभाग और बदरीनाथ वन प्रभाग की टीमों ने क्षेत्र में वन भूमि का संयुक्त निरीक्षण किया।
लेकिन मौके पर संरक्षित प्रजाति के बांज, कैल, चीड़ के करीब 1200 पेड़ होने से सड़क निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। अब ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए आंदोलन का रास्ता चुना है।
ग्राम प्रधान सरस्वती देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य कंचन सिंह नेगी, वन पंचायत सरपंच बलवंत सिंह नेगी और महेंद्र सिंह माही ने कहा कि यदि 21 दिसंबर तक सड़क निर्माण की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई तो जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर धरना शुरू कर दिया जाएगा।
बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश कुमार दूबे ने बताया कि कनोल ग्राम पंचायत के लिए 15 किमी सड़क का प्रस्ताव बदलकर बड़गुना तक 12.7 किलोमीटर सड़क का प्रस्ताव बनाया गया है, इसमें भी 1104 पेड़ आ रहे हैं।
इस प्रस्ताव को उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। अधिक पेड़ आने के कारण सड़क को वन भूमि की स्वीकृति देने में देरी हा रही है। 12.7 किमी के प्रस्ताव पर विभागीय अधिकारियों की कार्रवाई जारी है।