आंदोलनः 26 जनवरी को दिखेगा जोशीमठ में आंदोलन का असली रुप–
एक साथ हजारों लोग बोलेंगे कंपनी पर धावा, अधिकारियों को बनाएंगे बंधक–
जोशीमठः जोशीमठ संघर्ष समिति के नेतृत्व में 26 जनवरी को जोशीमठ की जनता लामबंद होगी। आपदा प्रभावितों ने जोशीमठ भू-धंसाव की असली आरोपी कंपनी एनटीपीसी को माना है। दावा किया है कि उनके पास कंपनी के खिलाफ पक्के सबूत भी आ गए हैं, जिससे साफ होता है कि जोशीमठ का भू-धंसाव एनटीपीसी के कारण ही हो रहा है। योजना बनाई गई है कि 26 जनवरी को कंपनी के कार्यालय में तालाबंदी कर कंपनी के अधिकारियों का घेराव कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
तहसील परिसर में आयोजित धरनास्थल पर हुई सभा में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि पुख्ता प्रमाण हैं कि जोशीमठ में भू-धंसाव एनटीपीसी की सुरंग से हो रहा है। सुरंग में ही गड़बड़ है, जिस कारण जोशीमठ नगर की बर्बादी हो रही है। यह एतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक नगरी अपने अस्तित्व को खो रही है। इसके संरक्षण के लिए आगे आने की जरुरत है। पूरे पैनखंडा की जनता को एकत्रित कर एनटीपीसी के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। एनटीपीसी ही
आपदा प्रभावितों ने मांग उठाई कि एनटीपीसी से परियोजना की लागत से दो गुना अधिक जुर्माना वसूला जाना चाहिए। केंद्र सरकार आपदा राहत, बचाव कार्यों को अपने हाथों में लें और जोशीमठ को बचाने के लिए हाईवे पावर कमेटी गठित करे। संघर्ष समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी ने कहा कि एनटीपीसी के खिलाफ तहसील में धरना जारी रहेगा। अब वार्डवार आपदा प्रभावित धरना देंगे।
इस मौके पर भाकपा माले नेता इंद्रेश मैखुरी, संजय उनियाल, प्रकाश नेगी, उमेश भंडारी, रोहित परमार, संतोश पंवार, देवेश कुंवर, लक्षी लाल, भारत बिष्ट, हरेंद्र राणा, नैन सिंह भंडारी, जय प्रकाश भट्ट, प्रदीप डंगवाल, सुभम, संतोष, समीर डिमरी, विवेक पंवार, शशांक सकलानी आदि मौजूद रहे।