चमोली। यदि जश्न ए आजादी का मजा लेना हो तो चले आईये चमोली में भारत-तिब्बत (चीन) सीमा पर स्थित नीती घाटी। यहां भोटिया जनजाति के ग्रामीण आजादी के जश्न को उत्सव के रूप में मनाते हैं। ग्रामीण 15 अगस्त को अपने-अपने घरों की छतों में लाउडस्पीकर पर देश भक्ति के गीत बजाए जाते हैं। ऐसा लगता है, मानों अखंड भारत इसी क्षेत्र में बसता हो। जश्न ए आजादी में शामिल होने के लिए देश-विदेश के ग्रामीण भी अपने गांव पहुंचते हैं। नीती गांव के विनोद पाल का कहना है कि 15 अगस्त में खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। स्थानीय लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ठ योगदान पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया ने बताया कि देश आजादी के दौरान नीती घाटी से तिब्बत व्यापार होता था। जिस दिन देश आजाद हुआ, उस दिन भी घाटी के अधिकांश लोग तिब्बत में थे। उन्हें रेडियो पर देश आजादी की सूचना मिली। ग्रामीण वहीं से खुशी से झूम कर घाटी में पहुंचे। मध्य रात्रि को घाटी के दुंपुधार में तिरंगा फहराया गया। जिस वक्त दिल्ली में लालकिले में तिरंगा फहराया जा रहा था, ठीक उसी वक्त दुंपुधार में भी तिरंगा फहराया गया। ग्रामीणों ने उत्सव मनाया। घर-घर में दीए जलाए गए। देश आजादी की खबर से ग्रामीण इतने उत्साहित हो उठे कि रातभर झूमते रहे। तब से आज तक घाटी में देश आजादी का जश्न बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ग्रामीणों के साथ ही सेना और आईटीबीपी के जवान भी स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हैं। सेना की ओर से भंडारे का आयोजन भी किया जाता है।