मैठाणा गांव में जड़ी-बूटी कृषिकरण एवं संरक्षण पर आयोजित हुआ जन संवाद–
गोपेश्वरः गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरणीय विज्ञान विभाग की ओर से जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित शोध परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे पर स्थित मैठाणा गांव में जड़ी-बूटी कृषिकरण एवं संरक्षण पर जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान ग्रामीणों को औषधीय पादपों के कृषिकरण के लिए जागरुक किया गया। कार्यक्रम संयोजक व शोध अन्वेषक प्रोफेसर आरके मैखुरी ने कहा कि हिमालय क्षेत्र जैव विविधता का भंडार है। यहां उच्च हिमालयी सगंध व औषधीय पादपों के कृषिकरण की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने ग्रामीणों को जड़ी-बूटी के कृषिकरण से आजीविका संवर्द्घन के लिए प्रेरित किया।
वानिकी विभाग के सह अन्वेषक सहायक प्रोफेसर डा. लक्ष्मण कंडारी ने औषधीय पादपों के कृषि के महत्व और बाजारीकरण के बारे में बताया। द्रोणागिरी के ग्राम प्रधान रुद्र सिंह रावत ने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अधिक मात्रा में औषधीय पादप प्राकृतिक रुप से उत्पादित होते हैं।
इन पादपों के विकास व उत्पादन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस मौके पर प्रगतिशील किसान दीवान सिंह, पूर्व प्रधान सावित्री देवी, बचन सिंह, गोविंद सिंह, थान सिंह, उदय सिंह रावत, ग्राम प्रधान कोषा लक्ष्मण सिंह, हरेंद्र रावत, गिरीश नौटियाल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. गिरीश चंद्र भट्ट ने किया।