आस्थाः धधकते अंगारों पर जाख देवता के पश्वा ने किया नृत्य, भक्तों को दिए दर्शन– 

by | Apr 15, 2023 | आस्था, रूद्रप्रयाग | 0 comments

जाख मंदिर में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़, जाख मेला संपन्न होते ही हुई झमाझम बारिश– 

गुप्तकाशीः केदारघाटी का प्रसिद्घ जाख मेला शनिवार को आयोजित हुआ। जाख देवता के पश्वा ने धधकते अंगारों पर नृत्य कर अपने भक्तों को दर्शन दिए। इस चमत्कारी शक्ति के सामने सभी श्रद्घालु नत्मस्तक हो गए। इस दौरान जय जाख राजा के जयकारों से देवशाल क्षेत्र की भूमि दिनभर गुंजायमान रही। दो दिनों तक धधकते अंगारों के अग्निकुंड में जैसे ही जाख देवता के अवतारी पुरुष ने प्रवेश कर नृत्य किया, तो वहां पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालुओं के सिर श्रद्धा से झुक गए।

जाखधार में दो गते बैशाख को होने वाले प्रसिद्ध जाख मेले से पूर्व कोठेड़ा के पुजारियों, देवशाल के वेदपाठियों और नारायणकोटि के सेवक-श्रद्धालुओं ने अग्निकुंड की रचना बनाई। बैशाख संक्रांति को ही अग्नि प्रज्ज्वलित कर अग्निकुंड की रात को चार पहर की पूजा की गई। शनिवार को जैसे ही यक्षराज जाख देवता के पश्वा ने नारायणकोटि गांव से कोठेड़ा और देवशाल होते हुए अपराह्न दो बजे जाख मंदिर में बने अग्निकुंड में प्रवेश किया, वैसे ही पूरा परिसर यक्षराज के जयकाराें से गुंजायमान हो उठा।

ढोल-दमांऊ की गर्जना और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर जाख देवता ने धधकते अग्निकुंड पर अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किया। नृत्य के बाद पावन राख को प्रसाद के रूप में श्रद्धालु अपने साथ ले गए। जाख मेला समिति के अध्यक्ष ने बताया कि जाख देवता संपूर्ण केदारघाटी के रक्षक इष्ट देव हैं। हजाराें सालाें से क्षेत्रवासी मेले का आयोजन कर रहे हैं। दहकते अंगारों पर जाख देवता के नृत्य की परंपरा सदियों पुरानी है। बैशाखी पर्व के दौरान जाख मंदिर में मेले का आयोजन होता है। 

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