चमोली: भूधंसाव और भूस्खलन से कई गांवों को बना खतरा, खेत-खलियानों को हो रहा नुकसान–

by | Aug 2, 2023 | आपदा, चमोली | 0 comments

भारी बारिश से सड़क से लेकर गांव, स्कूल तक पहुंचा खतरा, लोग हो रहे परेशान–

गोपेश्वर: निजमुला घाटी के ब्यारा गांव को भूधंसाव से खतरा बढ़ गया है। छह आवासीय भवनों में दरारें पड़ गई हैं। खेतों के बीचोंबीच भी दरारें पड़ी हैं। राजकीय इंटर कॉलेज निजमुला के निर्माणाधीन भवन भी खतरे की जद में आ गए हैं। जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बिरही-निजमुला सड़क के ब्यारा बाजार में नाली निर्माण और शीघ्र भूधंसाव की रोकथाम के उपाय करने की मांग उठाई है।

ब्यारा गांव में 125 परिवार निवास करते हैं। इन दिनों हो रही भारी बारिश से निजमुला सड़क के निचले क्षेत्र में स्थित निजमुला इंटर कॉलेज के निर्माणाधीन भवन और खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। ग्रामीण धर्म सिंह कठैत, दर्शन सिंह, वीरेंद्र सिंह, हीरा सिंह, कुंदन सिंह और देवेंद्र सिंह के आवासीय भवनों में दरारें आ गई हैं। जबकि रणजीत सिंह नेगी, उमेद सिंह और बाग सिंह के मकानों को भी खतरा बना हुआ है। प्रभावित क्षेत्र में मिनी सहकारी बैंक भी स्थित है। यहां तक भी भूधंसाव पहुंच गया है। जीआईसी निजमुला के पुराने भवनों के पीछे भी भूस्खलन शुरू हो गया है। विद्यालय में अध्ययनरत करीब 200 छात्र-छात्राओं को भी खतरा बना हुआ है।

ब्यारा के ग्राम प्रधान बृजलाल, ईराणी प्रधान मोहन नेगी, पीटीए अध्यक्ष भगत सिंह फरस्वाण, एसएमसी अध्यक्ष देवेंद्र पंवार ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कहा कि शीघ्र भूधंसाव के ट्रीटमेंट और सड़क डामरीकरण व नाली निर्माण का कार्य किया जाए। घाटी के ही गाड़ी गांव के पास टिटरी तोक में भूस्खलन से ग्रामीणों की कृषि भूमि तबाह हो रही है। गांव के मातबर सिंह, डबल सिंह, मुर्खुल्या सिंह, अमर सिंह गड़िया के कई खेत भूस्खलन की चपेट में आ चुके हैं। वन पंचायत के सरपंच तारेंद्र सिंह गड़िया ने बताया कि भूस्खलन से गांव की कई नाली भूमि तबाह हो चुकी है। अन्य खेत भी खतरे की जद में आ गए हैं। उन्होंने प्रशासन से यहां पर सुरक्षा दीवार लगाने की मांग की है, जिससे ग्रामीणों की खेती बचाई जा सके।

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