गोपेश्वर। वाह सरकार, प्रदेश में एक के बाद एक निजाम बदल रहे, पर चमोली जनपद की स्वास्थ्य सेवाएं बीमार की बीमार पड़ी हैं। कोई तो होगा इस जिले का खेवनहार, जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में सरकारी अस्पताल तो हैं, लेकिन वहां कई सालों से डॉक्टर की तैनाती नहीं है, जिससे लोगों को सिर दर्द की गोली लेने के लिए भी मीलों दूरी नापनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि इन गांवों में त्वरित उपचार तो दूर, मरीज को कुर्सी पर डंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। गोपेश्वर जिला चिकित्सालय के अलावा जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के 164 पद सृजित हैं, लेकिन यहां सिर्फ 113 चिकित्सक ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 51 पद लंबे समय से रिक्त पड़े हुए हैं। बता दें कि चमोली जनपद आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां बारिश राहत नहीं आपदा और उसके बाद आफत लेकर आती है। यहां स्वास्थ्य और सड़क व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। लेकिन कई सरकारें आई और गई, लेकिन जिले की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटोली, मेहलचौंरी, थिरपाक, माईथान, उर्गम, कुराड़, पैंटी, नारायणबगड़, हापला, नैनीसैंण, स्यूण बैमरू और देवाल में चिकित्सकों के पद रिक्त चल रहे हैं। इन क्षेत्रों में यदि किसी भी व्यक्ति की तबियत बिगड़ गई तो परिजन उन्हें डंडी के सहारे अस्पताल तक पहुंचाने को मजबूर हैं। स्यूंण-बैमरू गांव के पूर्व प्रधान रविंद्र सिंह नेगी का कहना है कि कई बार क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की तैनाती की मांग की गई, लेकिन ग्रामीणों की सुनी नहीं जा रही है। गोपेश्वर जिला चिकित्सालय के साथ ही नगरीय क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की राह ताक रहे हैं। जिला चिकित्सालय में फिजीशियन, ईएनटी सर्जन, बालरोग विशेषज्ञ, चर्मरोग, मानसिक रोग और स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद लंबे समय से रिक्त हैं, जबकि उपजिला अस्पताल कर्णप्रयाग में भी यही स्थिति बनी है।
जोशीमठ, कर्णप्रयाग, गोपेश्वर, पोखरी, गैरसैंण, थराली, घाट के साथ ही जिले के किसी भी अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। उपजिला अस्पताल कर्णप्रयाग को छोड़कर किसी भी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है। जनता झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे अपना इलाज कराने को मजबूर है। पूछे जाने पर चमोली के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. केके अग्रवाल ने बताया कि जिले में लंबे समय से विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त चल रहे हैं। यह पूरे प्रदेश की स्थिति है। जिला चिकित्सालय में कुछ समय पूर्व चिकित्सकों की तैनाती हुई है। यहां 33 में से 22 डॉक्टर तैनात हैं। जल्द भी अन्य अस्पतालों में चिकित्सको ंकी तैनाती के लिए निदेशालय से पत्राचार किया जाएगा।