आपदा: चमाेली में सड़कों के बुरे हाल, कई जगहों पर भूस्खलन से सड़क का नामोनिशान मिटा–

by | Aug 18, 2023 | आपदा, चमोली | 0 comments

उफनते गदेरों को तैरकर बाजार तक पहुंच रहे ग्रामीण, चमोली जिला प्रशासन बांट रहा राशन किट–

गोपेश्वर। कौंज-पोथनी, कांणा, खंडरा, मोल्ठा, बैलीधार, इंद्रानगर और ग्वालियर नगर में आपदा से बुरे हाल हैं। आपदा प्रभावित गांवों को जाने वाली एकमात्र सड़क और पैदल रास्ते मीलों दूर तक ध्वस्त पड़े हैं। पानी और बिजली की लाइनें भी ध्वस्त पड़ी हैं। मोबाइल टावर भी बंद होने से फोन भी काम नहीं कर रहे हैं। गांवों की दुकानों में बिस्कुट, नमकीन व अन्य आवश्यक वस्तुएं समाप्त हो गई हैं। जिससे बच्चे बिलख रहे हैं।

कुजौं गांव के भरत सिंह ने बताया कि वह एक किलोग्राम चीनी लेने के लिए सात किलोमीटर की दूरी और तीन गदेरे तैरकर कुजों गांव में पहुंचा। बच्चों के लिए बिस्कुट, नमकीन व घर की अन्य जरुरत की सामग्री लेकर जाएगा। इसी तरह अन्य गांवों के आपदा प्रभावित भी आवश्यक वस्तुओं के लेने के लिए टूटे फूटे रास्तों में जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। खंडरा गांव का मदन सिंह भी घर के लिए जरुरी वस्तुएं लेने के लिए कुजों गांव पहुंचा था।

आपदा प्रभावित गांवों के इर्द-गिर्द अभी भी बरसाती गदेरे गर्जना कर बह रहे हैं। कहीं, मकानें जमींदोज हैं तो कहीं आंगन के आगे गहरी खाई पड़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि 13 अगस्त की रात को करीब साढ़े 11 बजे गांव के ऊपर जंगल में बादल फटा।

जिसके बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कई प्रभावित चार दिनों से रात को सही ढंग से सो भी नहीं पाए हैं। सड़क मार्ग से मलबा हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने एक जेसीबी मशीन लगाई है। लेकिन सड़क करीब 800 मीटर तक ध्वस्त पड़ी होने से अभी सड़क को सुचारु होने में सात से 10 दिन का समय लगेगा। गांवों की दुकानों में बिस्कुट, नमकीन व अन्य जरुरत की वस्तुएं समाप्त हो गई हैं।

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