आस्था: कुरझण गांव में मां नंदा के जागरों पर रो पड़ी महिलाएं, नंदामयी हुआ माहौल–

by | Aug 20, 2023 | आस्था, रूद्रप्रयाग | 0 comments

क्वीली में मां नंदा के पातबीड़ा महोत्सव में बढ़ने लगी रौनक, ध्या​णियों और प्रवासी ग्रामीणों से भरने लगे गांव–

चोपड़ा: क्वीली कुरझण और बड़कोटी गांव के सहयोग से आयोजित किए जा रहे हिमालयी छोटा महाकुंभ पातबीड़ा महोत्सव 2023 में रौनक बढ़ने लगी है। क्वीली गांव में सत्रह वर्षों बाद आयोजित हो रहे नंदा देवी पातबीड़ा महोत्सव को करीब से देखने के लिए प्रवासी ग्रामीणों के साथ ही बड़ी संख्या में ध्या​णियां (विवाहित बेटियां) भी अपने मायके पहुंचने लगी हैं। जिससे क्वीली के साथ ही समीपवर्ती अन्य गांवों में भी राैनक बढ़ने लगी है। पूरा क्षेत्र नंदामयी हो गया है।

यह आयोजन नौ दिनों तक आयोजित होगा। रविवार को पातबीड़ा महोत्सव के चतुर्थ दिवस को क्षेत्र एवं समाज के कल्याण हेतु ब्राह्मणों द्वारा विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना व अन्य धार्मिक गतिवि​धियां संपन्न कराई गई। कोटेश्वर महादेव के महंत शिवानंद गिरि जी महाराज भी मां नंदा के धाम में पहुंचे। उन्होंने पूजा अर्चना कर संपूर्ण क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना की।

इस धार्मिक अनुष्ठान में मां नंदा जागर गायन के साथ ही मां नंदा के जन्म से लेकर कैलाश विदाई तक की अनेक लोक कथाओं का नाटक के रुप में मंचन किया जा रहा है। रविवार को ग्राम कुरझण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दिव्य और भव्य आयोजन किया गया। भगवती नंदा की महिमा सुनने के लिए धियाणियों, ग्रामीणों एवं क्षेत्रवासियों का अपार जनसमूह ग्राम कुरझण में पहुंचा।

समिति के मीडिया प्रभारी पंकज पुरोहित ने बताया कि कुलझण में लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र श्रीनगर गढ़वाल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ०संजय पांडे एवं गढ़वाली संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत डॉ० डीआर पुरोहित की टीम ने मां नंदा की महिमा गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। कुरझण की महिलाओं द्वारा जागर और झूमेला गीत प्रस्तुत किया गया।

गांव के वयोवृद्ध दाताराम पुरोहित ने कहा कि इस बार दिव्य और भव्य रुप से पातबीड़ा महोत्सव आयोजित हो रहा है। यह पहली बार देखने को मिल रहा है। आयोजन समिति के अध्यक्ष महादेव पुरोहित, मोतीराम पुरोहित, बृजमोहन पुरोहित, जगदीश प्रसाद पुरोहित, लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र से जुड़े हरीश पुरी, जैनेंद्र गुसांई, भूतपूर्व प्रधानाचार्य चंद्रशेखर पुरोहित, शंभू प्रसाद पुरोहित, सुधाकर पुरोहित, महेश्वर प्रसाद पुरोहित, कुशलानंद पुरोहित, योगेंद्र पुरोहित, डॉ० सुभाष चंद्र पुरोहित, भुवनेश्वर पुरोहित, उद्धव पुरोहित, सुशील पुरोहित, कैलाश चंद पुरोहित, आलोचन पुरोहित, आमोद पुरोहित, हरि शरण पांडे, नवीन पांडे, जगदंबा प्रसाद पांडे, सुबोध चंद पुरोहित सहित तमाम महिला-पुरुष आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने में जुटे हुए हैं।

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