प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के उत्तराखंड पर मंडरा रहा आपदा का खतरा, कई गांवों में मची त्राहि-त्राहि–
चमोली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के उत्तराखंड को आपदा ने तहस-नहस कर दिया है। कई गांवों में पेयजल, बिजली, सिंचाई नहर, संचार सेवा आपदा के नौ दिन बाद भी ठप पड़ी है। 13 अगस्त की रात और 22 अगस्त की रात को हुई भारी बारिश से जनता त्रस्त है। कई गांवों में शौचालय बह गए हैं, जिससे ग्रामीणों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है।
पीपलकोटी के बंड क्षेत्र में जैंसाल गांव में आपदा के चंद्रमणी कुलसारी व रविंद्र के घरों में मलबा घुसने के साथ ही शौचालय ध्वस्त पड़े हैं। संतोष कुलसारी का रसोई घर पूरी तरह से टूट गया और घर में मलबा भर गया है। गांव के ही सुभाष कुलसारी, महेंद्र सिंह, बहादुर सिंह और महेश के घर में मलबा घुसा है, जबकि दुर्गा प्रसाद, रविंद्र, चंद्रमणि कुलसारी और पुरुषोत्तम जैंसाली के शौचालय मलबे में दब गए हैं।
सत्यप्रसाद पुरोहित, रविंद्र सिंह, सुरेश चंद्र की गौशालाओं में मलबा घुसा हुआ है। अन्य ग्रामीणों के घरों को भी आंशिक क्षति पहुंची है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में दो बड़े पैदल पुल और तीन छोटी डाट पुलिया बह गई हैं, जिससे आवाजाही में भी भारी दिक्कतें हो रही हैं।
गांव की कई हेक्टेयर कृषि भूमि के साथ ही सिंचाई नहर भी तहस-नहस हो गई है। गांव की पेयजल लाइनें भी टूटी हैं। पीपलकोटी, मायापुर, गडोरा, ल्वांह, दिगोली, दुर्गापुर में भी आपदा से मकानें, गौशाला, शौचालय क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ग्रामीणों के खेत भी बह गए हैं।