पोखरी- ऊपर से चट्टान, नीचे से खाई, इस सड़क पर सफर करना यानि जान जोखिम में डालना- 

गोपेश्वर। बीते दिनों हुई बारिश से पोखरी-हापला सड़क कई जगहों पर खतरनाक बनी हुई है। सड़क जिस स्थान पर क्षतिग्रस्त है, वहां ऊपर से चट्टान तो दूसरी ओर खाई है, जिससे ग्रामीण छोटे वाहनों में जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। क्षेत्र में रसोई गैस का छोटा ट्रक भी नहीं पहुंच पा रहा है। स्थिति यह है कि ग्रामीण एक गैस सिलेंडर को भरवाने के लिए छह किलोमीटर की दौड़ लगा रहे हैं।

पोखरी-हापला और गोपेश्वर-हापला सड़कें पिछले दो सालों से बदहाल पड़ी हुई हैं। गोपेश्वर-हापला सड़क बामनाथ चट्टान पर करीब पांच मीटर तक क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है, जिससे यहां छोटे वाहन भी मुश्किल से आ जा पा रहे हैं। वहीं, पोखरी-हापला सड़क हापला से पांच किलोमीटर पहले धौड़ा-किमोठा में बीते वर्ष बरसात के समय से क्षतिग्रस्त है। रोड़वेज की बस भी हापला जाने क बजाय चांदनीखाल तक ही सेवा दे पा रही है। ग्रामीण अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए इन्हीं क्षतिग्रस्त सड़कों से आवाजाही कर रहे हैं। गुड़म गांव के प्रधान सज्जन सिंह, प्रधान संजय सिंह, सतेंद्र सिंह, प्रेम सिंह और मीना देवी का कहना है कि कई बार लोनिवि के अधिकारियों को सड़कों की स्थिति सुधारने की मांग की गई, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वाहन चालक दर्शन लाल, विक्रम सिंह और पप्पू का कहना है कि जान जोखिम में डालकर वाहनों की आवाजाही कर रहे हैं। बीते वर्ष जिलाधिकारी ने भी सड़क का निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों को जल्द सड़क का सुधारीकरण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन आज भी स्थिति जस की तस बनी है। बता दें कि यह सड़क बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट के ‌ब्लॉक के गांवों को जोड़ती है। ग्रामीणों में नाराजगी है कि विधायक की ओर से सड़क की दशा सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। बलवंत सिंह राणा का कहना है कि पोखरी से हापला और गोपेश्वर से हापला तक जाने में ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

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