उर्गम घाटी में पर्यटन और तीर्थाटन गतिविधियां पड़ी शून्य, होमस्टे और होटल व्यवसायियों को हो रहा नुकसान–
जोशीमठ: जनपद का सबसे व्यस्त पर्यटन क्षेत्र उर्गम घाटी में इन दिनों चारों ओर सन्नाटा पसरा है। घाटी के 12 गांवों और कई अन्य दूरस्त गांवों को जोड़ने वाला हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग 13 अगस्त से बंद पड़ा है। ग्रामीण अपने घर गांवों में ही कैद होकर रह गए हैं। ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन से सड़क खोलने की मांग की, लेकिन अभी तक सड़क गाड़ियों के लिए नहीं खुली है।
पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि उर्गम घाटी के सलना, ल्यारी, थेंणा, पंचधारा, बड़गिंडा, देवग्राम, गीरा बांसा, रांता, भर्की, भेंटा, पिलखी, गौंणा अरोसी, पल्ला जखोला, किमाणा, उच्छो ग्वाड़, कलगोठ, जखुड़ा और डुमक गांव के ग्रामीणों की आवाजाही का यह मुख्य मार्ग है। लेकिन सड़क पिछले दो सप्ताह से ठप पड़ी है। सड़क खोलने के लिए जेसीबी मशीन तो लगी है,
लेकिन अभी तक वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हुई है। घाटी में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी ठप पड़ी हुई है। ग्रामीण जैसे-तैसे पैदल आवाजाही कर रहे हैं। घाटी में पर्यटन व्यवसाय भी ठप पड़ा हुआ है। सबसे अधिक परेशानी डुमक गांव के ग्रामीणों को हो रही है। ग्रामीण 30 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर सड़क तक पहुंच रहे हैं।