चमोली: विशेष सत्र न्यायाधीश धर्म सिंह की अदालत ने सुनाया फैसला, पीड़िता को सात लाख रुपये प्रतिकर देने के आदेश भी हुए–
गोपेश्वर: न्यायालय ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी पिता को 20 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है। न्यायालय ने अभियुक्त पर 5000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। साथ ही दस हजार रुपये की धनराशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं। अदालत ने राज्य सरकार को पोक्सो अधिनियम के तहत पीड़िता को प्रतिकर के रुप में 700000 रुपये का भुगतान एक माह के भीतर करने के आदेश भी दिए हैं।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता मोहन पंत ने बताया कि पीड़िता ने 25 अप्रैल 2021 को थाना गैरसैंण को दी तहरीर में बताया कि उसकी उम्र 15 वर्ष है और वह 10वीं कक्षा में पढ़ती है। वह अपने घर में पिताजी, छोटे भाई व दादी के साथ रहती है। जबकि उसकी मां उनसे अलग मायके में रहती है। पीड़िता ने अपने पिता पर आरोप लगाया कि वर्ष 2019 के सितंबर माह में उसके पिता ने रात के समय तीन अलग-अलग दिनों में उसके साथ दुष्कर्म किया।
उसने डर के मारे किसी से इस घटना के बारे में नहीं बताया। फिर उसने अपने परिजनों को इस घटना के बारे में बताया, लेकिन किसी ने भी उसका साथ नहीं दिया। वह घर छोड़कर अपने ननिहाल मां के पास गई और घटना के बारे में बताया। जिसके बाद वह घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची। पीड़िता ने कहा कि उसका पिता उसे बेचने और जान से मारने की धमकी भी देता था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी अनिल सिंह नेगी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने मामले को न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी पाया।