बेहद रोचक होते जा रहे रुद्रप्रयाग जिले के नगरीय चुनाव, महंगा पड़ सकता है आनन-फानन में जारी की अधिसूचनापड़ेगी भारी–
रुद्रप्रयाग, 18 जनवरी 2025: आरक्षण के बेतुके निर्धारण के कारण रुद्रप्रयाग जिले के नगरीय क्षेत्रों के चुनाव बेहद रोचक हो गए हैं। आरक्षण के हथियार से घायल सत्ता दल भाजपा और अन्य दलों के दिग्गज मिलकर विधानसभा पंहुच गए बड़े नेताओं को कड़ा संदेष देने की फिराक में हैं। चुनाव के अंतिम समय में हर नगर पंचायत में ये गठबंधन क्या गुल खिलाऐगा ये देखना बाकी है।
सरकार ने पिछले दरवाजे से अध्यादेष लाकर न केवल कानून बनाया बल्कि जिस तरह से आनन-फानन में आरक्षण तय कर चुनाव अधिसूचना जारी की उससे सभी दलों के संभावित प्रत्याषी ठगे के ठगे रह गये। रुद्रप्रयाग जिले की एक नगर पालिका और चार नगर पंचायतों में याने कुल पांच नगरीय क्षेत्रों में से चार आरक्षित कर दिए गए।
संभावित प्रत्याषियों के पास न जनसंख्या के आंकड़ें थे और न ही आरक्षण का आधार। फिर भी रुद्रप्रयाग सहित राज्य के सभी संभावित प्रत्याषियों ने हजार से ऊंपरआप्पतियां की। सरकार ने कुछ ही घंटों मे सभी आप्पतियों का निराकरण कर संभावित दिग्गज प्रत्याषियों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर ग्रहण लगा दिया।
रुद्रप्रयाग जिले में किया गया आरक्षण सभी वर्गों के स्थापित प्रत्याषियों के गले से नहीं उतरा। केदारनाथ विधानसभा की अगस्त्यमुनि नगर पंचायत की सीट पहले सामान्य थी परंतु पिछड़े वर्ग की जनसंख्या के चार दषमलव चार होने के बाबजूद इस नगर पंचायत को पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया। जबकि आरक्षण के निर्धारण में उन नगर पंचायतों को रोटेषन करते समय हटा दिया जाता है जिनमें किसी आरक्षित वर्ग की जनसंख्या पांच प्रतिषत से कम हो। अगस्तमुनि से पांच किलोमीटर दूर रुद्रप्रयाग की तिलवाड़ा नगर पंचायत की सीट पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित करने का निर्णय भी किसी किसी को नहीं पचा। गुप्तकाषी नगर पंचायत में अनुसूचित जाति की जनंसख्या राज्य में 18 वें स्थान पर है फिर भी उसे अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित करने का निर्णय स्थापित प्रत्याषियों को नहीं पचा।
सभी पार्टियों को इस नव गठित नगर पंचायत में प्रत्याषी खोजने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। ऊखीमठ को भी नगर पंचायत गठन के बाद दूसरी बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित करने के निर्णय को सभी प्रत्याषी संदेह की नजर से देख रहे हैं। गुप्तकाषी नगर पंचायत के कुछ दावेदार आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय भी गए हैं परंतु सरकार ने चालाकी से अधिसूचना तुंरत जारी कर दी अब चुनाव प्रक्रिया आरंभ होने के कारण उच्च न्यायालय ने भी चुनाव नतीजे निकलने के बाद ही इन याचिकाओं को सुनने का निर्णय लिया है।
कुल मिलाकर रुद्रप्रयाग जिले की दोनों विधानसभाओं के सभी स्थापित प्रत्याषियों में आरक्षण को लेकर यह संदेष गया कि, विधानसभा पंहुच गए बड़े नेताओं ने अपने संभावित प्रतिद्वधियों को आरक्षण के हथियार का प्रयोग कर सालों के लिए धराषायी कर दिया है। प्रदेष में सरकार भाजपा की है इसलिए सत्ता दल भाजपा में आरक्षण के हथियार से घायल दिग्गज नगर पंचायत चुनावों में अपने विरोधी दलों और निर्दलीयों से मिलकर क्या खेेलाकरेंगें यह देखना बाकी है।