प्रकृति को बचाने का संकल्प लेकर प्रतिवर्ष आयोजित होता है मेला, परंपरागत खाद्य व्यंजनों ने मन मोहा, तो सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की की रही धूम–
जोशीमठ, 07 जून 2025: इस वर्ष पर्यटन क्षेत्र उर्गम में 28वां गौरा देवी पर्यावरण एवं प्रकृति पर्यटन मेला कई मायनों में खास रहा। यह मेला अपने पीछे संस्कृति की बेजोड़ मिशाल, लजीज पहाड़ी व्यंजनों की खुशबू और मेहमानों का प्यार बिखरा गया। महिला मंगल दल की महिलाओं के सहयोग से यह मेला खाास बन गया।
पंच केदार कल्पेश्वर पंच बद्री ध्यान बदरी कल्प क्षेत्र में 28वां गौरा देवी पर्यावरण एवं प्रकृति पर्यटन विकास मेले में जहां लोगों ने प्रकृति को बचाने का संकल्प लिया वहीं लोगों ने यह भी तय किया कि अपने पूर्वजों की जमीन को नहीं बचेंगे। साथ ही जंगलों के संरक्षण के लिए सभी प्रयास करेंगे।

यह बात मेले में एक संकल्प के रूप में लिया गया। जनदेश और यहां के सामाजिक संगठन, ग्राम पंचायत, वन पंचायत व महिला संगठनों के तत्वावधान में यह कार्यक्रम संचालित किया जाता है, कार्यक्रम में जहां विकास विभागों की प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं, वहीं परंपरागत खाद्य व्यंजनों की प्रतियोगिता कराई जाती है।
कई वर्षों से परंपरागत उत्तराखंड के जो खाद्य व्यंजन समाप्त हो रहे हैं, उनको बचाने के लिए जनदेश संस्था यह प्रयास करती है। प्रथम, द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले संगठनों को नगद धनराशि दी जाती है, इस वर्ष का प्रथम पुरस्कार, द्वितीय पुरस्कार, तृतीय पुरस्कार व सांत्वना पुरस्कार जीतने के साथ-साथ महिला मंगल दलों की लोक संस्कृति और पर्यावरण आधारित प्रतियोगिता में महिला मंगल दल तल्ला बड़गिंडाउर्गम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

द्वितीय स्थान महिला मंगल दल ल्यांरी और तृतीय पुरस्कार महिला मंगल दल सलना ने प्राप्त किया। प्रतियोगिता आत्मक कार्यक्रम में 14 संगठनों ने भाग लिया। तीन सांस्कृतिक दलों ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया, भाग लेने वाली महिला संगठनों में महिला मंगल दल वांसा, गीरा, भरकी, देवग्राम, भेंटा, ग्वाणा, अरोसी, स्वास्थ्य समिति खोली, पल्ला, पैनी, महिला मंगल दल बड़गिंडा आदि लोगों ने प्रतिभाग किया।