चमोली। सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं को उम्मीद थी कि मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में उनकी मानदेय सहित विभिन्न मांगों पर फैसला लिया जाएगा। उन्हें कोरोना वॉरियर्स घोषित किया जाएगा, लेकिन कैबिनेट ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया है। गल्ला विक्रेताओं ने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में एकजुटता दिखाएंगे और भाजपा के विरोध के में मतदान करेंगे। सरकार की ओर से हमेशा से ही गल्ला विक्रेताओं की अनदेखी की गई। कोरोना काल में बीमारी की डर से जब लोग अपने घरों में बैठे थे, तब सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता अपना और अपने परिवार की परवाह किए बिना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के निशुल्क राशन को वितरित करने में लगा हुआ था। इस निशुल्क राशन का भाड़ा भी गल्ला विक्रेताओं ने अपनी जेब से दिया। लेकिन आज सरकार उन्हीं कोरोना वॉरियर्स की अनदेखी कर रही है। इसका खामियाजा भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। क्षेत्रीय विधायक से भी सस्ता गल्ला विक्रेता नाराज हैं।