सात किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाई ग्रामीणों ने प्रसव वाली महिला, महिला ने रास्ते में ही दिया बच्चे को जन्म– चमोली। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को सात किलोमीटर तक कंधे पर कुर्सी के सहारे पैदल ही सड़क तक पहुंचाया गया। इसके बाद महिला को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाट लाया जा रहा था, लेकिन महिला ने अस्पताल से आठ किलोमीटर पहले ही वादुक बैंड पर एंबुलेंस में ही बच्ची को जन्म दे दिया। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जच्चा बच्चा स्वस्थ हैं। प्राणमति गांव के राजेंद्र कुमार की 26 वर्षीय पत्नी करिश्मा देवी शनिवार रात से ही प्रवास पीड़ा से परेशान थी। रविवार को भी प्रसव पीड़ा अधिक होने से ग्रामीणों ने कुर्सी और डंडों के सहारे कंधे पर करीब सात किलोमीटर तक पैदल चलकर करिश्मा को सितेल गांव तक सड़क तक पहुंचाया। सितेल गांव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाट 16 किलोमीटर की दूरी पर है। ग्रामीणों ने सितेल गांव तक एंबुलेंस मंगवाई, लेकिन लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित वादुक बैंड पर एंबुलेंस में ही महिला ने बच्ची को जन्म दे दिया। ग्राम प्रधान सरस्वती देवी और सामाजिक कार्यकर्ता यशपाल सिंह नेगी ने बताया कि यदि महिला को पैदल लाने में थोड़ी भी देरी होती तो दिक्कत हो सकती थी। उन्होंने बताया कि सड़क न होने से प्राणमति, कनोल और बड़गुना गांव के ग्रामीणों को सात किलोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री ने सितेल-प्राणमति (7 किमी) सड़क के निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक भी सड़क निर्माण कार्य वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया पर रुका हुआ है। ग्रामीणों को रोजमर्रा के कार्यों के लिए भी पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है।