खेलते-खेलते पानी की टंकी में जा गिरा छह साल का बच्चा, मौत–चमोली। पोखरी में छह साल के बच्चे की मौत पानी की टंकी में ढूबने से हो गई। यहां राजकीय महाविद्यालय के निर्माणाधीन भवन के परिसर में पानी की टंकी बनाई हुई थी। शनिवार को इसी भवन के निर्माण में लगा लखीमपुर खीरी के मजदूर राजेंद्र का छह साल का बेटा खेलते-खेलते पानी की टंकी में ढूब गया। जब परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वे बच्चे को अचेत अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी ले गए, लेकिन यहां डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे के माता-पिता बदहवास पड़े हुए हैं। परिजनों की जरा-सी सावधानी से बच्चों को बहुत सारे हादसों से बचाया जा सकता है। ध्यान रहे घर में बिजली के नंगे तार बच्चों की पहुंच तक न हो, प्रेस, हीटर, चार्जर, टोस्टर जैसे इक्विपमेंट यूज करने के बाद प्लग निकालकर स्विच ऑफ कर दें। छत और बालकनी की रेलिंग ऊंची रखें। अगर ऊंचाई कम है तो बच्चे को उससे दूर रखें। खुद भी दूर रहें, वरना बच्चा वहां पहुंचने की जिद करेगा। छोटा बच्चा घर में हो तो ठूस-ठूस कर फर्नीचर न भरें। उसके घूमने-फिरने के लिए जगह बनाएं। सजावट से ज्यादा बच्चे के आराम का ख्याल रखें। कोशिश करें कि फर्नीचर के कोने बहुत नुकीले न हों, न ही उनके ऊपर कांच या मेटल की भारी चीजें सजाएं। बाथरूम सूखा रखें। बच्चे को अकेला बाथरूम में न छोड़ें। सबसे बड़ी बात बाथरूम में टब में पानी भरकर न रखें। चाकू, फॉर्क, कैंची या दूसरी नुकीली चीजों को बच्चे से दूर रखें। गलती से भी ऐसी चीजें खुले में न छोड़ें। सभी दरवाजों में डोर स्टॉपर लगाकर रखें। अगर आपने ऑटोमैटिक डोर क्लोजर लगवाएं हैं तो उनकी स्पीड कम रखें। इस चीज की सेटिंग हो जाती है। खुद भी कर सकते हैं या कारपेंटर से करा सकते हैं।