— अगस्त्यमुनि में पिछले लंबे समय से संचालित हो रहे जनशक्ति मल्टी स्टेट मल्टी परपज को-ऑपरेटिव सोसाइटी में कई लोगों के पैसे फंस गए। लोगों ने अपना पेट काटकर एक-एक पाई बैंक में जमा की, लेकिन अब अंत में धोखाधड़ी का शिकार हो गए।
बैंक प्रबंधक को खातेदारों द्वारा फोन किया जा रहा है, लेकिन वह फोन ही रिसीव नहीं कर रहा है, इससे लोग आशंकित हैं कि उनकी गाड़ी कमाई डूब गई। बताया जा रहा है कि जनशक्ति में 150 से अधिक खाता धारक के पैसे फंस गये हैं। बैंक खाते मैच्योरिटी के तीन महिने बीत जाने के बाद भी बैंक ग्राहकों के पैसे देने में आनाकानी कर रहा है।
हुआ यूं कि व्यापार संघ के जिला कोषाध्यक्ष अनिल कोठियाल ने आज व्यापार संघ ग्रुप में एक वीडियो अपलोड की और उसमें ग्राहकों की धनराशि डूबने और बैंक का घेराव करने की अपील की गई, इस पर जहां-तहां से घबराए खाते धारक मौके पर पहुंचे और सत्यता जानी, जिस पर उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। बता दें कि अगस्त्यमुनि में 2016 में यह बैंक खुला था। अपने दोस्ताना अंदाज में बैंक कर्मचारियों ने बहुत जल्दी सबके साथ मधुर संबंध बना लिए और लोगों की आरडी, डेली डिपोजिट सेविंग और फिक्सड डिपोजिट स्कीमों में धनराशि जमा करने लगे।
स्थानीय लोगों को बैंक में एजेंट बनाया गया। खाताधारक अनूप बुटोला से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शाखा प्रबंधक से अपने जमा साढ़े 13 लाख रुपये की मांग की गई तो नहीं दिए जा रहे हैं। इसी प्रकार कई अन्य खातेधारकों की परेशानी भी है। ललित बुटोला, सतेंद्र रावत, पंकज डोबरियाल, बृजपाल शाहनी का कहना है कि उनके हजारों की रकम बैंक में जमा है। ऐसी स्थिति में रकम डूबने की आशंका बनी हुई है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि अगस्त्यमुनि शाखा में 15 लाख के लोन पैडिंग हैं, बचत, एफडी और लोन रिकवरी का कार्य आधा-अधूरा होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है।