2019 का मामला, जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सुनाई सजा–
गोपेश्वर: नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी को जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी ने 11 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड नहीं देने पर दो माह अतिरिक्त कारवास भुगतना होगा। कोर्ट ने पोक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत पीड़िता को प्रतिकर के रूप में पांच लाख रुपये देने के जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए हैं।
मामले में पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजन पोक्सो मोहन पंत ने बताया कि मामला पोखरी थाना क्षेत्र का है। पीड़िता की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया कि वह अपनी दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में गई थी। वहां आरोपी सुभाष सिंह ने उसे शीतल पेय में नशीला पदार्थ खिलाकर पिला दिया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। मार्च 2019 में आरोपी फिर उसके घर गया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता गर्भवती हुई तो उसने इस बारे में सुभाष को बताया।
सुभाष ने कहा वह सब ठीक कर देगा और यदि उसने घर वालों को बताया तो वह खुद को मार देगा और तेरे परिवार वाले जेल चले जाएंगे, जिससे पीड़िता चुप हो गई। इस बीच पीड़िता की शादी कहीं अन्य जगह तय हो गई। उसने सुभाष इसकी जानकारी दी तो उसने पीड़िता पर शादी करने के लिए दबाव बनाया। जिसके चलते पीड़िता ने दूसरी जगह शादी कर ली, और चार दिसंबर 2019 को पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। पीड़िता के घर वालों ने जब इसके बारे में पूदताछ की तो मामला उजागर हुआ। जिसके बाद परिजनों ने थाने में तहरीर दी।
अधिवक्ता मोहन पंत ने बताया कि मामले की जांच के दौरान आरोपी सुभाष, पीड़िता और नवजात बच्चे के सेंपल लेकर डीएनए टेस्ट कराया गया। जिसमें सुभाष और पीड़िता बच्चे के जैविक माता पिता पाए गए। कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गए। जिसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी सुभाष सिंह को दोषी पाते हुए 11 साल की सजा सुनाई।