आखिर कब तक जनता के सब्र की परीक्षा लेगा लोक निर्माण विभाग, अब उग्र आंदोलन के मूड़ में जनता, ये नेता आए आंदोलन को आगे–
अगस्त्यमुनि: 80 से अधिक गांवों को यातायात से जोड़ने वाली विजयनगर-पठालीधार सड़क जानलेवा बनीं हुई है। इसे क्षेत्र की लाइफ लाइन भी कहते हैं। गंगानगर क्षेत्र से करीब 300 मीटर की दूरी पर पहाड़ी से हो रहा भूस्खलन और सड़क पर मंदाकिनी नदी से हो रहे भू-धंसाव के कारण यहां वाहनों की आवाजाही अब पूरी तरह से ठप पड़ गई है। अभी तक यहां खतरे के बीच ही वाहनों की आवाजाही हो रही थी। बुधवार को सड़क पूरी तरह से धंस गई है।
इस सड़क से जुड़े गांवों के ग्रामीण अब निर्णायक आंदोलन के मूड़ में हैं। ग्रामीणों ने सड़क का एलाइनमेंट बदलने और मौजूदा सड़क की स्थिति को सुधारने की मांग उठाई है। निर्णय लिया गया कि सड़क की स्थिति को सुधारने के लिए शीघ्र जेसीबी मशीन लगाई जाए और सड़क सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन सिंह नेगी ने सड़क की मौजूदा स्थिति के बारे में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सड़क का नए सिरे से निर्माण नहीं किया गया तो क्षेत्रीय जनता सड़क से लेकर कलेक्ट्रेट तक आंदोलन शुरू कर देगी। सिल्ला, पठालीधार, डडोली के साथ ही बड़मा और बसुकेदार क्षेत्र के ग्रामीणों की महापंचायत बुलाकर सड़क को लेकर जल्द एतिहासिक आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसमें क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
ये नेता आए आंदोलन के लिए आगे—–
केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि विजयनगर-पठालीधार मोटर मार्ग की यह स्थिति सरकार की उदासीनता के कारण हुई है। पिछले साल उन्होंने प्रशासन से लेकर सरकार तक सड़क सुधारीकरण के लिए कई पत्र भेजे, लेकिन किसी भी पत्र का जवाब नहीं आया। अब सड़क के सुधारीकरण के लिए आंदोलन शुरू किया जाएगा। क्षेत्रीय जनता से संपर्क किया जा रहा है। शुक्रवार को क्षेत्र में जाऊंगा।