बंड क्षेत्र के नंदाभक्त डोली लेने के लिए सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर पहुंचे, नंदा लोकजात मेले में रही लोकगीतों की धूम–
नंदानगर: उत्साह, उमंग और आस्था के बीच 23 अगस्त को अपराह्न 4 बजे मां नंदा के सिद्धपीठ कुरुड़ से दशेाली, बधाण और बंड क्षेत्र की मां नंदा कैलाश के लिए विदा हो जाएगी। मां नंदा से मिलने के लिए बृहस्पतिवार को कुरुड़ मंदिर में दिनभर भक्तों का आना लगा रहा। नंदा भक्तों ने अपनी आराध्य देवी को श्रृंगार सामग्री और ककड़ी, मुंगरी भेंट की। विभिन्न पड़ावोें से होते हुए 10 सितंबर नंदा अष्टमी को मां की डोली कैलाश के लिए विदा होगी।
बंड क्षेत्र के नंदा भक्त बृहस्पतिवार को मां नंदा की डोली को ले जाने के लिए कुरुड़ मंदिर में पहुंच गए हैं। बंड क्षेत्र मां नंदा समिति के अध्यक्ष अनिल जोशी, सचिव सावन पारस, प्रदीप नेगी, दीपक, अजय भंडारी और सुधीर हटवाल ने बताया कि मां की डोली अपराह्न चार बजे कैलाश के लिए विदा होगी। नंदा मंदिर के निकट ही तीन दिवसीय मां नंदा लोकलात मेले का आयोजन भी चल रहा है। मेले में क्षेत्र की महिला मंगल दल की महिलाओं को स्कूली बच्चों ने लोकनृत्य और लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
मेले के मुख्य अतिथि कथावाचक डॉ. शंभू प्रसाद पांडे, सामाजिक कार्यकर्ता दौलत सिंह, पूर्व प्रमुख कर्ण सिंह, हरेंद्र सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य नंदिता रावत, मंदिर समिति के अध्यक्ष सुखवीर रौतेला, राजेंद्र प्रसाद चमोला, हीरा देवी, बुदुली देवी, रेखा, संध्या देवराड़ी, हीरा सिंह, गिरधारी लाल आदि मौजूद रहे। मेले का संचालन प्रकाश गौड़ ने किया।