हजारों की संख्या में हिमालय क्षेत्र पहुंचे नंदाभक्त, अपनी आराध्य देवी को दी भावभीनी विदाई, रो पड़ी ध्याणियां–
नंदानगर/पीपलकोटी/देवाल: नंदा लोकजात यात्रा मां नंदा की विदाई के साथ संपन्न हो गई है। मंगलवार को नंदा सप्तमी पर बालपाटा, वेदनी बुग्याल और नरेला बुग्याल से होते हुए मां नंदा कैलाश के लिए विदा हो गई। अपनी आराध्य देवी और बेटी को भक्तों ने नम आंखों से विदाई दी। हजारों की संख्या में मां नंदा की विदाई पर पहुंचे भक्तगणों ने मांगल गीत गाए और मनौकामनाएं मांगी।
मां नंदा की लोकजात यात्रा को लेकर गांव-गांव में उत्साह का माहौल रहा। बंड क्षेत्र पीपलकोटी के गांवों में नंदा भक्तों ने रात्रि जागरण कार्यक्रम आयोजित कर मां नंदा के भजन कीर्तन संध्या रखी। विभिन्न गांवों में मां नंदा का भव्य स्वागत हुआ।
मंगलवार को मां नंदा की डोलियों का आचार्यगणों ने श्रृंगार किया और कैलाश के लिए प्रस्ताथा किया। नंदा भक्तों ने मां नंदा को स्थानीय उत्पादों का भोग लगाया और ध्याणियों (विवाहित बेटियां) ने नंदा को श्रृंगार सामग्री भेंट की। इसके बाद सुबह करीब छह बजे मां नंदा की डोली ने अपने भक्तों के साथ बालपाटा के लिए प्रस्थान किया।
इस दौरान महिलाओं ने जागर और मांगल गीत गाकर मां नंदा को अश्रुपूर्ण विदाई दी। दोपहर में साढ़े बारह बजे माता की डोली बालपाटा पहुंची। यहां पूजा-अर्चना के बाद मां नंदा को प्रतीक के रूप में कैलाश के लिए विदा किया गया। अपराह्न तीन बजे मां नंदा की डोली रात्रि प्रवास के लिए रामणी गांव पहुंची।