कानून का सिकंजा: फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले दो ​शिक्षकों को पांंच वर्ष की सजा पुरसाड़ी जेल भेजा–

by | Nov 29, 2024 | न्यायालय, रूद्रप्रयाग | 0 comments

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने सुनाई सजा, 15-15 हजार अर्थदंड भी वसूला–

रुद्रप्रयाग, 29 नवंबर 2024: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने बीएड की फर्जी डिग्री लेकर नौकरी पाने के मामले में दो ​शिक्षकों को 5-5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सा​थ ही 15-15 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। दोषी ​शिक्षकों को पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया है।

आदेश की प्रति ​शिक्षा सचिव और गृह सचिव उत्तराखंड शासन को भी भेजी गई है। पूरे प्रकरण में ​शिक्षा विभाग की ओर से घोर लापरवाही भी सामने आई है, जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई। बताया गया कि दोषी ​शिक्षकों ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से बीएड की डिग्री प्राप्त की थी, पर वहां ​शिक्षकों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इसी डिग्री के आधार पर इन ​शिक्षकों ने नौकरी प्राप्त की।

कुछ वर्ष बाद ​शिकायत पर विभागीय स्तर पर एसआईटी से ​शिक्षकों की बीएड की ​डिग्री की जांच कराई गई, जो फर्जी मिली। विभागीय स्तर पर ​शिक्षकों को पहले निलंबित और उसके बाद बर्खास्त किया गया। साथ ही कानूनी कार्रवाई के लिए लिखा गया।

इसके बाद पुलिस ने विवेचना पूरी कर केस जिला अदालत में पेश किया। दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने दोनों ​शिक्षकों को दोषी पाते हुए पांच-पांच वर्ष कठोर कारावास और 15-15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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