मांगः  प्रथम ओलंपिक खेलों में हुए लाखों के गबन की भी हो जांच–

by | Sep 7, 2022 | आरोप, खेल, चमोली | 0 comments

 

चमोली के खेल प्रेमियों ने उठाई मांग, आरोपी राजीव मेहता को भी डालो सलाखों के पीछे– 

गोपेश्वरः प्रदेश में इन दिनों परीक्षा भर्ती, विधानसभा में फर्जी नौकरियों के अलावा कई मामलों में चल रही जांचों के बीच चमोली के खेल प्रेमियों ने वर्ष 2004 में हुए प्रथम ओलंपिक खेलों के दौरान तत्कालीन उत्तरांचल ओलंपिक एसोशिएशन के अध्यक्ष राजीव मेहता पर लगे वित्तीय अनियमितता की दोबारा नए सिरे से जांच की मांग उठाई है। बुधवार को गोपेश्वर में आयोजित पत्रकार वार्ता में खेल प्रेमी हेम पुजारी, हेम दरमोड़ा, अशोक रावत, अंकोला पुरोहित ने कहा कि मौजूदा समय में राज्य सरकार की ओर से विभिन्न परीक्षाओं और भर्तियों में हुए घोटालों की जांच की जा रही है, जिससे आरोपियों की धर पकड़ चल रही है। कहा गया कि उत्तरांचल ओलंपिक एसोसिएशन की ओर से 12 फरवरी 2004 से 18 फरवरी 2004 के बीच प्रथम ओलंपिक खेल कराए गए।

आरोप लगाया कि राज्य सरकार की ओर से उस वक्त उत्तरांचल एसोसिएशन को 15 लाख रुपये की धनराशि दी गई। जिसमें से तत्कालीन एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव मेहता ने छह लाख रुपये अपने खाते में और पांच लाख रुपये पत्नी के खाते में स्थानांतरित करा दिए। जो कि वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है। इस दौरान हुए राज्यस्तरीय खेलों में कई जनपदों की चयनित टीमों के खिलाड़ी भी फर्जी दिखाए गए थे। कहा गया कि इस मामले में तत्समय तत्कालीन अपर खेल निदेशक आरके चतुर्वेदी की जांच में कई टीमों और खिलाड़ियों को फर्जी रुप से दर्शाना पाया गया था। लेकिन मामले में आज तक कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। इधर, थानाध्यक्ष आरएस रौतेला ने बताया कि थाने में इस संबंध में एक शिकायत पत्र मिला है, मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

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