प्रधान संगठन ने जताया आक्रोश, पढ़ें क्या है मोबाइल निगरानी सिस्टम–
गोपेश्वर। प्रधान संगठन चमोली ने मनरेगा के तहत मोबाइल निगरानी सिस्टम का विरोध किया है। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
प्रधान संगठन का कहना है कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परीस्थिति वाला राज्य है। यहां कई गांवों में नेटवर्क नहीं है। कई जगह बहुत कम नेटवर्क आता है। ऐसी स्थिति में यहां मोबाइल निगरानी सिस्टम लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मनरेगा को लेकर बनाए गए सिस्टम की प्रक्रिया को हर दिन जटिल बनाया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने मनरेगा के तहत एक ग्राम पंचायत में 20 कार्यों की बाध्यता सही नहीं है। कार्यों को लेकर पुरानी व्यवस्था खत्म करने से ग्राम पंचायतों में विकास कार्य लगभग शून्य हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त से ग्राम पंचायतों को मिलने वाले 15वें वित्त की धनराशि अभी तक नहीं मिली है। जबकि पंचायती राज विभाग की ओर से अगले वित्तीय वर्ष की कार्य योजना बनाने का आदेश जारी किया गया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों को कोरोना प्रोत्साहन राशि 10 हजार रुपये और ग्राम पंचायत आपदा निधि के रूप में 10 हजार रुपये देने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक किसी ग्राम प्रधान को इस मामले में एक पैसा नहीं मिला है। जिससे ग्राम प्रधान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ज्ञापन भेजने वालों में संगठन के जिलाध्यक्ष मोहन नेगी, लासी के प्रधान नयन कुंवर, माजोठी के प्रधान पूरण सिंह फरस्वाण, साबरी सैंण के प्रधान शंकर रावत, खैनुरी के प्रधान बीरेंद्र फरस्वाण, सरतोली के प्रधान नरेंद्र सिंह शामिल रहे।