घायल व्यक्ति ने मोबाइल फोन से पत्नी और एक युवक को किया फोन, हायर सेंटर रेफर–
चमोली: निजमुला घाटी के गांवों में भालू का आतंक कम नहीं हो रहा है। भालू के डर से महिलाएं घास और लकड़ी लेने जंगल भी नहीं जा पा रही हैं। शनिवार को दोपहर में जंगल से लकड़ी लेकर आ रहा ईराणी गांव का 35 साल का व्यक्ति आनंद सिंह का सेंजबगड़ा तोक में भालू से सामना हो गया। काफी देर तक आनंद सिंह और भालू के बीच करीब दस मिनट तक संघर्ष हुआ। उसके चिल्लाने पर भालू जंगल की ओर भाग गया।
आनंद सिंह ने बुरी तरह से घायल अवस्था में मोबाइल फोन से अपनी पत्नी और ग्रामीण राजवीर सिंह को फोन कर घटना की जानकारी दी। जिसके बाद ग्रामीण जंगल की ओर गए और रात करीब आठ बजे आनंद सिंह को गांव तक लाए।
गांव से सड़क की दूरी अधिक होने के कारण ग्रामीणों ने रात को ही कुर्सी के सहारे घायल को चार किलोमीटर पैदल चलकर भेलताना नामक स्थान तक पहुंचाया। यहां से 108 सेवा वाहन से उसे रात करीब दो बजे जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया। आनंद सिंह के चेहरे, हाथ, पांव और सिर पर भालू के नाखूनों के गहरे निशान पड़ गए हैं, जिससे भारी मात्रा में खून का रिसाव हुआ। चिकित्सकों ने श्रीकोट बेस अस्पताल में आनंद सिंह का ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है। जिससे उसकी जान बच गई है।