प्रकृति को करीब से निहारा, जल कल्याण के लिए किया माता अनसूया का पूजन, कर्णप्रयाग पहुंची यात्रा–
गोपेश्वर: चमोली मंगलम यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत हो रहा है। श्रद्धालुओं की ओर ये भव्य जलकलश से यात्रा का स्वागत किया जा रहा है। बृहस्पतिवार शाम को यात्रा कर्णप्रयाग पहुंच गई है। यहां स्थानीय लोगों ने यात्रा का फूल मालाओं से स्वागत किया। यात्रा का रात्रि प्रवास कर्णप्रयाग में होगा।
ज्योतिर्मठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने अनसूया मंदिर प्रवास के दौरान संतानदायिनी माता अनसूया के मंदिर में पूजा-अर्चना कर विश्व कल्याण की कामना की। उन्होंने यहां एकांत में बैठकर प्रकृति को करीब से निहारा। बृहस्पतिवार को यात्रा मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद वापस लौटी और शाम को कर्णप्रयाग पहुंची।
अनसूया मंदिर के मुख्य पुजारी डॉ. प्रदीप सेमवाल ने बताया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के सानिध्य में यात्रा का अत्रिमुनि आश्रम भी जाने का कार्यक्रम था, लेकिन बारिश की वजह से वहां नहीं जा पाए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने दोबारा मां अनसूया के दर्शनों को आने का संकल्प भी लिया। ज्योतिर्मठ के प्रभारी मुकुंदानंद महाराज ने बताया कि यात्रा बृहस्पतिवार को रात्रि प्रवास के लिए कर्णप्रयाग पहुंच गई है। 28 को यात्रा वाण, 29 को नारायणबगड़, 30 को गैरसैंण, एक जुलाई को नौटी और दो को हरिद्वार के लिए प्रस्थान करेगी।