सेंजी गांव के जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि भरत सिंह राणा के नेतृत्व में 500 श्रद्धालुओं को खाना भी खिलाया और आसरा भी दिया–
गोपेश्वर: 31 जुलाई की रात को भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से जगह-जगह फंसे तीर्थयात्रियों के लिए चमोली जनपद के युवा आसरा बनें, इन युवाओं ने तीर्थयात्रियों को निशुल्क भंडारा आयोजित करने के साथ ही रात होने पर उन्हें अपने ढाबों में रात को सुलाया भी। युवाओं ने करीब 500 तीर्थयात्रियों की सेवा की।
जंगलचट्टी में फंसे श्रद्धालुओं को जब पहाड़ी से रेस्क्यू किया गया, तो चमोली के युवाओं ने स्थानीय लोगों की मदद से सोनप्रयाग के समीप अपने ढाबों में उन्हें रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था की। साथ ही बिहार और झारखंड के चार दिव्यांग श्रद्धालुओं को पांच दिनों तक ढाबे में आसरा भी दिया।
रविवार को इन श्रद्धालुओं को आर्मी के जवानों के हवाले किया गया। निजमुला घाटी के सैंजी गांव निवासी जिला पंचायत सदस्य भरत सिंह राणा और पोखरी के अमित नेगी ने स्थानीय युवा डीपी गोस्वामी, रोहित गोस्वामी और गणेश गोस्वामी के साथ जगह-जगह फंसे श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था की।
चमोली के भरत सिंह राणा ने बताया कि आपदा के बाद से यहां करीब 200 घोड़े फंसे हुए हैं। आपदा के बाद से घोड़े-खच्चरों को उनके मालिक चना और बूसा नहीं खिला पाए हैं। जगह-जगह भूस्खलन होने से हरी घास की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। उन्होंने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन से घोड़े-खच्चरों के लिए बूसा और चने की व्यवस्था करने की मांग उठाई है।