द्रोणागिरी पर्वत देवता और भूमियाल देवता की हुई विभिन्न पूजाएं, स्थानीय के साथ ही प्रवासी भोटिया जनजाति के ग्रामीण भी हुए शामिल–
गोपेश्वर: सीमांत गांव द्रोणागिरी में तीन दिवसीय वास्तु पूजा अनुष्ठान संपन्न हो गया है। गांव में द्रोणागिरी पर्वत देवता और भूमियाल देवता की विशेष पूजाएं संपन्न हुई। इसमें शामिल होने के लिए भोटिया जनजाति के प्रवासी ग्रामीणों ने भी प्रतिभाग किया।
द्रोणागिरी गांव में 115 परिवार निवास करते हैं। गांव में प्रत्येक तीन साल में क्षेत्र की खुशहाली, पशु संपदा और बेहतर फसल के लिए वास्तु पूजा संपन्न होती थी, लेकिन गांव से बढ़ी संख्या में पलायन होने और ग्रामीणों के कम संख्या में अपने मूल गांव लौटने के कारण पिछले 35 साल से इस पूजा का आयोजन नहीं हुआ था। दो साल पहले कोरोना महामारी में कई ग्रामीण इसकी चपेट में आए, जिसके बाद द्रोणागिरी पर्वतराज और भूमियाल देवता ने तीन दिवसीय वास्तु पूजा अनुष्ठान आयोेजित करने की इच्छा जताई थी। अपने आराध्य देवताओं को दिए वचन के अनुसार सावन माह में ग्रामीणों ने भव्य रुप से पूजा अनुष्ठान का आयोजन किया।
आचार्य पंडित अनसूया प्रसाद पंत ने पर्वतराज द्रोणागिरी और भूमियाल देवता की संकल्प पूजा के साथ ही विभिन्न अनुष्ठान संपन्न किए। भूमियाल देवता ने अपने अवतारी पुरुष पर अवतरित होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया।
इस मौके पर द्रोणागिरी पर्वतराज के अवतारी पुरुष दीवान सिंंह, धन सिंह कुंवर, रघुनाथ सिंह, बचन सिंह, बाग सिंह कुंवर, नंदन सिंह, धीरज कुंवर, उदय सिंह, सुरेंद्र सिंह, गोपाल सिंह, हरेंद्र सिंह, अजब सिंह, भागी देवी, जानकी देवी, अंजू, लीला देवी, सावित्री देवी आदि मौजूद रहे।