प्रथम विश्व युद्घ के नायक वीसी दरवान सिंह नेगी की याद में तीन दिवसीय शौर्य महोत्सव शुरू–

by | Nov 23, 2021 | चमोली, मनोरंजन | 0 comments

 — विभिन्न गांवों की महिला मंगल दल की महिलाओं ने दी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति– नारायणबगड़। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कड़ाकोट पट्टी के कफारतीर सैंज खैतोलीखाल में प्रथम विश्व युद्ध के नायक वीसी दरवान सिंह नेगी की याद में तीन दिवसीय शौर्य महोत्सव शुरू हो गया है। महोत्सव में विभिन्न गांवों की महिला मंगल दल की महिलाओं के साथ ही स्कूली छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। महोत्सव का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक मुन्नी देवी शाह ने किया। विधायक के साथ ही वीसी दरवानसिंह नेगी  वार मैमोरियल फाउंडेशन के सदस्यों, सचिव गंभीर सिंह मिंगवाल, संरक्षक डॉ हरपाल सिंह नेगी व मेलाधिकारी उपजिलाधिकारी थराली सुधीर कुमार ने वीसी दरवान सिंह नेगी के चित्र का अनावरण व  दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले वीसी दरवान सिंह नेगी के पैतृक गांव व घर पर फाउंडेशन के संरक्षक भुवनचंद नौटियाल,कफारतीर के प्रधान एवं  दरवान सिंह नेगी के पौत्र सुदर्शन नेगी, फाउंडेशन के कोषाध्यक्ष गोविंद सिंह नेगी,पंकज सिंह नेगी,गायत्री परिवार के गंभीर सिंह फर्स्वाण, वीसी दरवान सिंह नेगी की पुत्रवधू रामेश्वरी देवी,अध्यक्ष लखपत सिंह आदि  लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर वीसी दरवानसिंह नेगी के पैतृक गांव कफारतीर से शौर्य महोत्सव स्थल तक गायत्री परिवार की ओर से भव्य कलशयात्रा निकाली गई।मुख्य आयोजन स्थल पर कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत गीत से स्कूली छात्राओं ने किया। इसके बाद रैंस गांव की महिला मंगल दल ने पारंपरिक रीति रिवाजों और प्राकृतिक खेती-बाड़ी के बाद निभाई जाने वाली रस्मों पर शानदार गीत व नृत्य की प्रस्तुति देकर उपस्थित दर्शकों और अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर खूब तालियां बटोरी।इसी तरह ग्राम पालछूनी,भंगोटा,तुनेडा,चोपता,कफारतीर,सैंज,बेथरा की महिला मंगल दलों व जूनियर हाईस्कूल सैंज खतोली के नौनिहालों ने भी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। पिछले वर्षों में यह शौर्य महोत्सव फाउंडेशन और स्थानीय जनता के द्वारा आयोजित किया जाता रहा था। बता दें कि प्रथम विश्व युद्ध में भाग लेने वाले कफारतीर के दरवान सिंह नेगी ने ब्रिटिश सरकार के वीरता के सर्वोच्च पदक विक्टोरिया क्रास जीता था।वह इस पुरस्कार को पाने वाले भारत के पहले सैनानी थे।प्रथम विश्व युद्ध सन् 1914 से सन् 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं।यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ्रीका तीन महाद्वीपों के समुंदर, धरती व आकाश में लड़ा गया था।इस दरमियान भारत में ब्रिटिश शासन था इसलिए भारतीय सैना को ब्रिटेन भारतीय सेना कहा जाता था। इसी युद्ध में यूरोपीय, भूमध्यसागरीय और मध्य पूर्व के युद्ध क्षेत्रों में भारतीय सेनाओं के अनेक डिवीजनों और स्वतंत्र ब्रिगेडों का बड़ा योगदान रहा था।इसी क्रम में मेरठ डिवीजन की दो बटालियन को गढ़वाल ब्रिगेड के नाम से अगस्त 1914 में भारत से 1/39 गढ़वाल राइफल्स और 2/39 गढ़वाल राइफल्स की दो बटालियनों को प्रथम विश्व युद्ध में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस भेजा गया था।नायक दरवान सिंह नेगी के नेतृत्व में 23 नवंबर को इनकी बटालियन को फेस्तुबर्त में जर्मनों द्वारा कब्जे में किए गए मोर्चे को पुनः प्राप्त करना था।जर्मन सेना ने मोर्चे के एक हिस्से को चारों ओर से घेर लिया था। इसी बीच गढ़वाल बटालियन ने मोर्चे को अपने हाथ में लेते हुए एक किनारे से आगे बढ़ना शुरू किया और 24 नवंबर की सुबह तीन बजे से दुस्मनों को खदेड़ते हुए पीछे धकेलने में कामयाब रही। क्षेत्र में शौर्य महोत्सव को लेकर पूर्व सैन्य अधिकारियों और जवानों में भी उत्साह का संचार होता है। सभी पूर्व सैन्य अधिकारी अपने मैडलों के साथ महोत्सव में शिरकत करते हैं। 

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