चमोलीः भाजपा को यहां अपने गढ़ में अपनों से ही मिल रही चुनौती– 

by | Jan 28, 2022 | चमोली, राजनीति | 0 comments

पार्टी से बगावत कर किया नामांकन, पार्टी पर असली कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप–  

गोपेश्वरः चमोली जनपद में भारतीय जनता पार्टी को अपने ही गढ़ में अपनों से ही चुनौति मिल रही है। जनपद की कर्णप्रयाग सीट बीजेपी की गढ़ रही है। लेकिन इस बार यहां उसे अपने ही पार्टी के बागी से चुनौती मिल रही है। जनपद की तीनों विधानसभाओं में से सिर्फ कर्णप्रयाग सीट में ही बगावत देखने को मिली है।

यहां भारतीय जनता पार्टी के टीका प्रसाद मैखुरी ने पार्टी से बगावत कर नामांकन किया है। यह सीट साल 1991 से 2017 तक सिर्फ एक बार कांग्रेस के पास रही है। 2012 में यहां से कांग्रेस के अनसूया प्रसाद मैखुरी ने जीत दर्ज की थी। जबकि 2017 में यहां से भाजपा के सुरेंद्र सिंह नेगी विधायक बने। इस बार बीजेपी ने अपने सीटिंग विधायक का टिकट काटते हुए अनिल नौटियाल को प्रत्याशी बनाया है। अनिल नौटियाल पूर्व में भी भाजपा के सिंबल पर जीत दर्ज कर चुके हैं।

इस बार भाजपा के वरिष्ठ नेता टीका प्रसाद मैखुरी लंबे समय से कर्णप्रयाग विधानसभा से दावेदारी कर जनता के बीच बने रहे। सोशल मीडिया पर भी उनकी ही चर्चा जोरों पर थी, देखते ही देखते गांव-गांव में टीका प्रसाद मैखुरी लोगों के पसंदीदा नेता बन गए, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2021 को कर्णप्रयाग क्षेत्र के युवाओं ने टीका प्रसाद मैखुरी के प्रचार के लिए सोशल मीडिया पर एक अलग से पेज बना लिया था। लेकिन भाजपा ने कर्णप्रयाग सीट से अनिल नौटियाल को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया, जिस पर टीका प्रसाद मैखुरी क्षुब्ध हो गए और उन्होंने ‌बगावत कर अपना नामांकन भी कर दिया।

 इस सीट पर कांग्रेस ने मुकेश नेगी को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में बीजेपी को कांग्रेस के साथ अपनों से मिल रही चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा। पूछे जाने पर टीका प्रसाद मैखुरी ने बताया कि समर्थकों के बूते पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, यही जनभावना भी थी। 

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