हक की लड़ाईः पुरानी पेंशन बहाली के लिए दिल्ली में गरजे शिक्षक-कर्मचारी– 

by | May 2, 2023 | आंदोलन, चमोली | 0 comments

केंद्र से सकारात्मक पहल की उम्मीद, दिल्ली कूच से लौटे कर्मचारियों ने जताई उम्मीद– 

गोपेश्वरः  पुरानी पेंशन बहाली की आवाज को बुलंद करने के लिए रविवार को दिल्ली आंदोलन में पहुंचे चमोली जनपद पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चे से जुड़े शिक्षक-कर्मचारी लौट आए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन के मामले में सकारात्मक पहल की उम्मीद जताई है। कहा गया कि संसद मार्च कार्यक्रम सफल रहा। सैकड़ों शिक्षक-कर्मचारी सड़क से संसद तक पहुंचे। इस दौरान कर्मचारियों में पुरानी पेंशन बहाली के लिए जोश दिखा। 

पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चे के जिलाध्यक्ष पूरन सिंह फरस्वाण और जिला महामंत्री सतीश कुमार ने बताया कि ‌संसद मार्च में सैकड़ों ‌शिक्षक कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। सरकार से मामले में सकारात्मक पहल की उम्मीद है। खूफिया तंत्र भी इस दौरान सक्रिय रहा और कर्मचारियों की भारी भीड़ से सरकार को अवगत कराया।

कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को प्रमुखता से उठाया। कहा है कि नई पेंशन योजना एक अन्यायपूर्ण व्यवस्था है। इससे मिलने वाली पेंशन से कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानित जीवन नहीं जी सकता है। कर्मचारी सरकारी सेवा में अपना जीवन खपा देता है, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद नई पेंशन योजना में उसे न के बराबर धनराशि मिलती है। नई पेंशन में जीपीएफ की सुविधा नहीं है। इसमें जमा धनराशि शेयर मार्केट के अधीन है और ब्याज पर तय होती है। जबकि पुरानी पेंशन में इससे काफी अच्छी व्यवस्था है और वह कर्मचारियों के हित में है। इस मौके पर मोर्चे के संरक्षक बृजमोहन रावत, मीनाक्षी सती, कमला बिष्ट, सीमा पुंडीर, ब्लॉक अध्यक्ष अजीत नेगी, दिनेश चंद्र नेगी, कोषाध्यक्ष जगत फरस्वाण, रेखा बिष्ट, धनी आगरी, गरिमा कन्याल, गजेंद्र फरस्वाण, संतोष कैलखुरा, राजकिशोर कन्याल, प्रकाश गौड़, बलवीर रावत आदि मौजूद रहे। सभी कर्मचारी लौट आए हैं। 

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