सनातन धर्म के सर्वोच्च गुरु के साथ ही स्वतंत्रता सेनानी भी थे शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती जी महाराज–
गोपेश्वरः श्री रुद्रनाथ गोपीनाथ मंदिर प्रांगण में गोपेश्वर क्षेत्र की सनातन धर्मावलंबी जनता ,समस्त ग्रामवासियों व मंदिर के पुजारियों द्वारा ज्योतिष व द्वारकापीठाधीश्वर पूज्यपाद श्रीमद जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने पर गोपेश्वर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
इस अवसर पर ब्रह्मलीन पूज्यपाद स्वामी जी की आत्मिक शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। श्रद्धांजलि सभा में में डॉ अरविंद भट्ट ने उनके निधन को सनातन धर्म की एक अपूर्णनीय क्षति बताया। गोष्ठी में उनकी जीवनी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आप सनातन धर्म के सर्वोच्च गुरु होने के साथ ही एक महान स्वतंत्रता सेंनानी भी थे।
इस दौरान श्रद्धांञ्जलि सभा में श्री रुद्रनाथ जी के प्रधान पुजारी पंडित प्रयाग दत्त भट्ट, पुजारी गोपाल दत्त भट्ट, विनय सेमवाल, शांति प्रसाद भट्ट, दिनेश जोशी राधे-राधे, प्रधान संघ अध्यक्ष मोहन नेगी, नगर पालिका सभासद नवल भट्ट, अशोक बिष्ट, उमेश भट्ट, प्रवीण भट्ट, विपिन भट्ट, सहित कई सनातन धर्मावलंबी मौजूद थे।