छह महिने तक अपने ननिहाल में रहने के बाद अपने सिद्घपीठ कुरुड़ पहुंची मां नंदा–

by | Jan 13, 2022 | आस्था, चमोली | 0 comments

विशेष पूजा-अर्चना के बाद अपने मंदिर में विराजमान हुई मां नंदा, भक्तों के जयकारों से नंदामय हो गया क्षेत्र– 

नंदानगर। क्षेत्र की आराध्य देवी मां नंदा छह माह तक अपने ननिहाल देवराड़ा में रहने के बाद मां नंदा बृहस्पतिवार को कुरुड़ गांव में स्थित अपने सिद्घपीठ में विराजमान हो गई है। इस दौरान मां नंदा के दर्शनों को मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने मां नंदा के दर्शन कर मनौतियां मांगी। बीते वर्ष अगस्त माह में नंदा लोकजात यात्रा के दौरान यात्रा के अंतिम पड़ाव में पूजा-अर्चना के बाद मां नंदा छह माह के प्रवास के लिए अपने ननिहाल देवराड़ा पहुंच गई थी। बीते 23 दिसंबर को मां नंदा ने अपने सिद्घपीठ कुरुड़ (मायका क्षेत्र) के लिए प्रस्थान किया था। विभिन्न 23 पड़ावों को पार करते हुए बृहस्पतिवार को मां नंदा की डोली सिद्घपीठ कुरुड़ पहुंची। यहां पहले से ही मौजूद भक्तों ने मां नंदा के जयकारों के साथ स्वागत किया। भक्तों ने मां नंदा के दर्शन कर मनौतियां मांगी। बुधवार को रात्रि प्रवास के लिए मां नंदा की डोली सेंती गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में पहुंची। यहां भक्तों ने मां नंदा की डोली का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। बृहस्पतिवार को ब्रह्ममुहुर्त में गौड़ ब्राह्मणों ने मां नंदा का स्नान व महाभिषेक किया गया और षोडशोपचार पूजा संपन्न की गई। इसके बाद मां नंदा की डोली घाट मुख्य बाजार स्थित सिद्घेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। यहां श्रद्घालुओं ने मां नंदा और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की। करीब एक घंटे तक यहां पूजा-अर्चना के बाद मां नंदा ने अपने सिद्घपीठ के लिए प्रस्थान किया। अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे मां नंदा अपने मंदिर में विराजमान हो गई। मां नंदा की डोली के साथ चल रहे मुख्य पुजारी योगेश्वर प्रसाद गौड़, विजय प्रसाद गौड़, मनोजहर प्रसाद गौड़, दिनेश प्रसाद और महिमानंद गौड़ ने मां नंदा की विशेष ‌पूजाएं संपन्न कर डोली को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया। अब अगले वर्ष लोकजात यात्रा के लिए मां नंदा को मंदिर के गर्भगृह से बाहर निकाला जाएगा। भक्तों ने मां नंदा से क्षेत्र की खुशहाली और अपने परिवार की कुशलता की कामनाएं की। 

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