वैकल्पिक सड़क की चढ़ाई पार नहीं कर पा रहे वाहन, घाटी में खाद्यान्न सहित पर्यटकों की आवाजाही भी पड़ी धीमी–
जोशीमठ। वर्षभर पर्यटकों की चहलकदमी से व्यस्त रहने वाली उर्गम घाटी में पिछले एक पखवाड़े से सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां पर्यटन गतिविधियां जैसे ठहर सी गई हैं। इसकी वजह है हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग। चुनावी शोर में शासन-प्रशासन उर्गम घाटी को मानों भूल सा गए हैं। घाटी को यातायात से जोड़ने वाला एकमात्र हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग 30 दिसंबर से अवरुद्घ पड़ा हुआ है। एडीबी पीएमजीएसवाई की ओर से सड़क पर त्वरित यातायात सुचारु करने के लिए क्षतिग्रस्त भाग के समीप ही एक वैकल्पिक सड़क बनाई, लेकिन इस सड़क की चढ़ाई इतनी है कि यहां छोटे वाहन भी आसानी से नहीं चढ़ पा रहे हैं। सवारियां वाहनों को धक्का मार कर आगे पहुंचा रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से भी उर्गम घाटी की इस बदहाल सड़क पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। सड़क की बदहाल स्थिति बनी हुई है। प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष अनूप सिंह रावत, पल्ला गांव की ग्राम प्रधान विमला देवी और जनदेश संस्था के सचिव व पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह नेगी ने उर्गम सड़क की दशा सुधारने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि बीते दिनों हुई बारिश से उर्गम सड़क कई जगहों पर खतरनाक बनी हुई है। सड़क पर डामर पूरी तरह से उखड़ गया है। कई जगहों पर भू-धंसाव हो रहा है। उन्होंने शीघ्र सड़क की डीपीआर तैयार कर सुधारीकरण कार्य शुरू करने की मांग उठाई है। साथ ही जिस स्थान पर सड़क का 20 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया था, वहां जल्द से जल्द वाहनों की आवाजाही शुरू कराने की मांग की गई है।