चमोलीः ग्रामीणों के जल, जंगल, जमीन के परंपरागत अधिकारों पर हमला कर रही बाहरी कंपनियां–

by | Jul 19, 2022 | आंदोलन, चमोली | 0 comments

हेलंग की घटना से आक्रोशित हैं जनप्रतिनिधि, कर्णप्रयाग में किया गया प्रदर्शन– 

कर्णप्रयाग। भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य बीरेंद्र सिंह मिंगवाल, पूर्व सभासद सुरेशी देवी, एडवोकेट व डीवाईएफआई के जिला ‌सचिव राजेंद्र सिंह नेगी, परिवर्तन यूथ क्लब के संयोजक अरविंद चौहान, भाकपा माले के गढ़वाल कमेटी सदस्य किशन सिंह बिष्ट, धन सिंह बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता आशाराम मैखुरी, जितेंद्र कुमार, पवन बिष्ट, अनिल जोशी, सुनील चौहान, संजय सिंह और डीबीएल यूनियन के अध्यक्ष मिलन भंडारी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जोशीमठ के हेलंग गांव में घास ला रही महिला के साथ हुई बदसलूकी की घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

उनका कहना है कि 15 जुलाई को जोशीमठ के हेलंग गांव में जंगल से घास ला रही महिलाओं से न सिर्फ उनके घास के गट्ठर छीनते पुलिस व केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान दिख रहे हैं बल्कि वीडियो में ही दिखता है कि एक महिला रो रही है, दूसरी के साथ छीना झपटी हो रही है। यह दृश्य इस राज्य में, जो कि महिलाओं के आंदोलन व उनकी शहादत व कुर्बानियों के बदौलत बना, देखना बहुत शर्मनाक है दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी कोई सफाई नहीं हो सकती। 

उत्तराखण्ड में जल विद्युत परियोजनाओं के नाम पर हजारों हजार नाली नाप भूमि, जंगल, चरागाह की भूमि, पनघट, मरघट, पंचायत की भूमि, कम्पनियों को पहले ही दे दी गयी है । इसके बाद भी कम्पनियों की नीयत लोगों की सामूहिक हक- हकूक की भूमि को भी हड़प लेने की है । इससे आम ग्रामीणों के सम्मुख घास चारा लकड़ी का संकट पैदा हो गया है। यह घटना इसी का परिणाम है। 

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