जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने पशुपालकों से की ये अपील, पढें क्या करें उपचार–
गोपेश्वरः जनपद चमोली के अन्तर्गत गोवंशीय पशुओं में संक्रामक लम्पी त्वाचा रोग के लक्षण सामने आए है। जिससे पशुओं का स्वास्थ्य और पशुपालकों की आजीविका प्रभावित हो रही है। पशुओं में फैलने वाली इस संक्रामक बीमारी को देखते हुए जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जनपद के समस्त पशुपालकों से जरूरी सावधानी रखने और बीमार पशुओं का समय से उपचार कराने की अपील की है।
चमोली जिले में 26 पशुओं में लंपी त्वचा बीमारी के लक्षण मिले हैं। जिससे पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया है। विभागीय अधिकारियों ने पशुपालकों को सलाह दी है कि बीमारी के लक्षण मिलने पर उन्हें अन्य पशुओं से अलग रखा जाए। जिससे यह दूसरे पशुओं में न फैल सके।
जनपद के लंगासू, गिरसा, देवलीबगड़, नौली क्षेत्र में तेजी से पशु लंपी त्वचा रोग की चपेट में आ रहे हैं। जिसे देखते हुए पशुपालन विभाग की ओर से जनपद में पशुओं का टीकाकरण भी शुरू कर दिया है।
इस रोग के कारण पशु को तेज बुखार, त्वचा में सूजन व मोटी गांठे, आहार खाने में परेशानी, कमजोरी व दूध उत्पादन में कमी आ रही है। पशुओं में रोग के लक्षण दिखने पर रोगी पशु को स्वस्थ्य पशुओं से अलग करें और नजदीकी पशु सेवा केन्द्र में संपर्क करें।
रोगी पशु को चारा-पानी व दाने की अलग व्यवस्था करें। पशु आवास को कीटाणु रहित करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराईट के घोल का छिडकाव, नीम के पत्तों का धुंआ तथा रोगग्रस्त क्षेत्रों में अन्य पशुओं की आवाजाही न की जाए। रोगी पशु की मृत्यु होने पर गांव से बाहर करीब 1.5 मीटर गहरे गढडे में चूने या नमक के साथ दबाने अन्य पशुओं को इस संक्रामक बीमारी से बचाया जा सकता है।