भगवान साणेश्वर महाराज की तपस्थली में आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान में उमड़े भक्तगण–
अगस्त्यमुनि। श्री भगवान साणेश्वर महाराज की तपस्थली सिल्ला भट्टकोटी में पिछले एक सप्ताह से चल रहा श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ का विधि-विधान से समापन हो गया है। इस दौरान विभिन्न गांवों से पहुंचे भक्तगणों ने भागवत कथा का श्रवण किया और भजन-कीर्तन में प्रतिभाग किया।
कथावाचक व्यास आचार्य हिमांशुधर सेमवाल ने श्रीमद भागवत के विभिन्न प्रसंगों का व्याख्यान किया। उन्होंने दत्तात्रेय की कथा भी सुनाई, कहा कि कलियुग में धार्मिक कथा, सत्संग आदि के आयोजन से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और मनुष्यों को सदमार्ग प्राप्त होता है। उन्होंने गाय और गंगा के संरक्षण पर जोर दिया। इस दौरान कीर्तन मंडली ने विभिन्न भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्घालुओं को निहाल किया। व्यास जी महाराज ने श्रोताओं को आपस में सदभाव के साथ रहने, सदमार्ग पर चलने, परोपकार के कार्यों में बढ़चढ़कर प्रतिभाग करने का आह्वान किया।
कथा के मुख्य यजमान जगदंबा प्रसाद भट्ट व सर्वेश्वरानंद भट्ट के साथ ही समस्त भट्ट बंधुओं ने विभिन्न पूजाएं संपन्न की। कथा संपन्न होने के बाद कथावाचक व्यास जी महाराज आचार्य हिमांशुधर सेमवाल की विदाई में सैकड़ों श्रद्घालुजन उमड़ पड़े।