बदरीनाथ धाम में वीआईपी व्यवस्था बंद करने की मांग उठाई, एसडीएम जोशीमठ ने की मध्यस्थता–
जोशीमठ (चमोली): बदरीनाथ धाम में वीआईपी व्यवस्था समाप्त करने, बामणी गांव के लिए मंदिर से रास्ता तैयार करने, स्थानीय लोगों की मंदिर व अन्य मंदिरों में सीधी पहुंच हो, स्थानीय लोगों के वाहनों को पूर्व की भांति बाजार तक आने व पार्किंग की समुचित सुविधा सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने धाम में आंदोलन शुरू कर दिया है। तीर्थ पुरोहितों ने धाम परिसर में धरना भी दिया और नारेबाजी की। उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन का भी उनके प्रति अच्छा व्यवहार नहीं है। उन्होंने शीघ्र धाम में व्यवस्था सुधारने की मांग उठाई।
सोमवार को सुबह से ही तीर्थ पुरोहित आंदोलन के मूड़ में थे। वे साकेत तिराहे पर एकत्रित हुए और जुलूस की शक्ल में धाम परिसर तक पहुंचे।
बद्री केदार मंदिर समिति और जिला प्रशासन की ओर से धाम में व्यवस्थाओं में काफी कुछ फेरबदल किए जाने पर सोमवार को पंडा पंचायत समाज और स्थानीय लोगों ने इस पर नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया। पंडा पुरोहित समाज का कहना है कि सैकड़ों वर्षों से वे यहां के हक हकूक धारी हैं और यहां की व्यवस्थाओं को लेकर हमेशा से अपनी जिम्मेदारियां को बखूबी समझते रहे हैं, लेकिन जिस तरह से बद्री केदार मंदिर समिति और प्रशासन की मिली भगत से स्थानीय लोगों को रोकने और टोकने के लिए जगह-जगह गेट लगाए गए हैं, बामणी गांव को जाने वाला रास्ते को बंद कर दिया गया है, स्थानीय हकहकूकधारी को भी मंदिर तक पहुंचाने के लिए कई तरह की बंदिशें लगाई गई हैं।
स्थानीय व्यवसाई मुकेश ने बताया कि गेट नम्बर तीन को बंद करने से स्थानीय लोग ओर व्यपारी प्रभावित हो रहे हैं, केवल वीआईपी को महत्व देना स्थानीय लोगों के हको के साथ खिलवाड़ करना है। एसडीएम जोशीमठ मौके पर पहुंचे और उन्होंने उनकी मांगों को जिला प्रशासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।