देवलधार के ऊपर धुंआ दिख रहा है–

by | Apr 10, 2022 | चमोली, जागरुकता | 0 comments


केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग वनाग्नि को लेकर सतर्क, पढें जागरुकता की यह अभिनव पहल–
गोपेश्वरः वनाग्नि से चारों ओर धुंध फैली है, वनाग्नि की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बीच केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की गोपेश्वर रेंज की रेंजर आरती मैठाणी ने वनाग्नि को कम करने के लिए एक अभिनव पहल की है। वे विभिन्न क्षेत्रों में कंट्रोल बर्निंग, जंगलों में आग बुझाने के साथ ही वट्सएप ग्रुप पर भी सक्रिय हैं। उन्होंने जनपद के जनप्रतिनिधियों, वन सरपंच, मीडिया कर्मी व अन्य पर्यावरण प्रेमियों को ग्रुप में शामिल किया है। ग्रुप के माध्यम से भी वनाग्नि को लेकर जागरुकता फैलाई जा रही है। 

रविवार को मंडल घाटी के देवलधार गांव के ऊपरी हिस्से में धुंआ आता देख रेंजर आरती मैठाणी ने वाट्सएप पर मैसेज किया कि देवलधार गांव के ऊपर धुंआ दिख रहा है, गांव के बिल्कुल नजदीक है, सरपंच साहब, प्रधान जी, महिला मंगल दल कृपया देखकर बताइये.., ग्रुप में इस मैसेज के आते ही संबंधित गांव के जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गए और ग्रामीणों को मौके पर भेजा गया। देखा तो वहां खेतों में आड़ा (खरपतवार) पर आग लगाई गई थी। जंगल के नजदीक होने के कारण नियंत्रित ढंग से आड़ा फूंका गया।  

यदि इसी प्रकार से सभी लोग जागरुकता दिखाएं तो वनाग्नि की घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा और पहाड़ हरा-भरा दिखने लगेगा। रेंजर आरती मैठाणी ने कहा कि वन हमारी प्राण वायु और जल का मुख्य स्रोत हैं, अभी अभी कोरोना से प्रभावित हुए फेफड़ों के शुद्ध ऑक्सीजन के बजाय धुंए में सांस लेने से कई मेडिकल कॉम्प्लिकेशन्स भी होंगी.

घाटियों में फैले धुंए का असर प्रदेश और देश पर ही नहीं बल्कि पूरे विश्व पर पड़ेगा, ग्लोबल वार्मिंग और अन्य पर्यावरणीय असंतुलन पैदा होंगे और इन सब के जिम्मेदार हम स्वयं होंगे, अगर नैल कूड़ाव, सैकोट और कुनकुली वन पंचायत में आग लग रही है तो लगाने वाला क्या दिल्ली मुंबई मद्रास का होगा या उसी गांव का? किस किस को और किस तरह से समझायें? सभी लोगों से विनम्र निवेदन है कि अपने आस पास के ऐसे लोगों को समझायें. बिना जन भागीदारी के वन अग्नि की घटनाओं को रोका जाना संभव नहीं है. आग बुझाने में मदद नहीं कर सकते हैं तो आग लगाओ भी मत. कोई भी आग प्राकृतिक रूप से नहीं लग रही है सब मानव के द्वारा ही लगाई जा रही है, अपनी संपत्ति को खुद ही आग मत लगाओ. 

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