भारतीय दलित साहित्य अकादमी की ओर से दिया जाएगा प्रो. बीसी शाह को राष्ट्रीय अवार्ड–
गोपेश्वरः भारतीय दलित साहित्य अकादमी को प्रारम्भ से ही प्रसिद्ध समाज सेवियों, साहित्यकारों, कलाकारों और राजनेताओं का आशीर्वाद और प्रोत्साहन मिलता रहा है। यह इस बात का द्योतक है कि अकादमी का उद्देश्य कार्यप्रणाली, सोच और दिशा राष्ट्रवादी है। जो बहुजन दलित शोषितों को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ती है तथा समाज को एकजुट करने व अखण्ड भारत के लिए काम करने वाले अध्येयताओं को राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान करती है।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय परिसर गोपेश्वर चमोली उत्तराखण्ड के बी०एड० विभाग के प्रोफेसर बी०सी० शाह को “डॉ० अम्बेडकर विशिष्ट सेवा राष्ट्रीय अर्वाड-2022” के लिए चयनित किया गया है। यह अवॉर्ड प्रोफेसर शाह को 11 दिसम्बर 2022 को नई दिल्ली में दिया जायेगा। उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा विभाग में पिछले 22 वर्षों के शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े प्रोफेसर बी०सी० शाह को यह अवार्ड अपने शोध पत्रों एवं शैक्षिक लेखन के माध्यम से डॉ० अम्बेडकर के समावेशी विचारों को समाज में पहुँचाने तथा ‘अम्बेडकर विचार से समाज को जागरूक करने हेतु दिया गया है।
उच्च शिक्षा में अध्ययनरत युवाओं एवं उनसे जुड़े समाजिक सरोकारों से बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के समावेशी एवं समग्र समाजिक विकास तथा महिलाओं के अधिकारों के लिए किये गये कार्यों को परिचित कराकर समाज को नई दिशा प्रदान करते हुए अखण्ड भारत के निर्माण की पहल की गयी है। पिछले 22 वर्षों से अपने शैक्षिक जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए हर वर्ष कम से कम दो विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए सम्पूर्ण सहयोग करना व उनके भावी जीवन के नियोजन में उनकी मदद करना डॉ० बी०सी० शाह के समाज कार्यों में शामिल है।
प्रोफेसर बी०सी० शाह, श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड वि०वि० बादशाहीथौल टिहरी (गढ०) की प्रथम कार्य परिषद के सदस्य रह चुके हैं एवं वर्तमान में विश्वविद्यालय में बी०एड० संकायाध्यक्ष, श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय परिसर गोपेश्वर में कार्य कर रहे हैं। प्रोफेसर शाह अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाने व शिक्षण संस्थान के हित में सदैव कार्य करने की जज्बा रखते हैं और इस कारण छात्र-छात्राओं के लिए लोकप्रिय हैं।