पुलिस ने 28 ग्रामीणों पर एससीएसटी एक्ट में किया मुकदमा, पढ़ें क्या है पूरा मामला–
जोशीमठ (चमोली): जोशीमठ विकास खंड के सुभांई-चांचड़ी गांव में कई वर्षों से बैखाशी मेला धूमधाम से मनाया जाता है। यहां गांव के मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होते हैं। लेकिन इस वर्ष गांव में ढोल न बजाने के मामले में विवाद बढ़ गया है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि अनुसूचित जाति के लोगों की तहरीर पर जोशीमठ कोतवाली में गांव के 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। पीड़ित एससी जाति के ग्रामीणों ने सवर्णों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उन्हें हक-हकूकों से वंचित रखने की धमकी दी जा रही है, जबकि दूसरे पक्ष के ग्रामीणों ने इसे निराधार बताया है।
अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने 15 जुलाई को जोशीमठ कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में कहा कि इसी वर्ष बीते मई माह में गांव में बैसाखी मेला आयोजित हो रहा था। जिसमें एससी वर्ग के ढोल वादक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने पर वह ढोल नहीं बजा पाए। आरोप है कि इससे नाराज गांव के सवर्णों ने पंचायत बुलाकर पुष्कर लाल पर 5000 रुपये का जुर्माना लगा दिया। पुष्कर ने तीन मई को जुर्माने की रकम भी जमा कर दी। लेकिन इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। ग्रामीणों ने गांव में पंचायत बुलाकर अनुसूचित जाति के परिवारों को जल, जंगल, जमीन से बहिष्कार कर दिए जाने का निर्णय लिया है। उन्हें गांव के प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी न भरने देने की बात भी कही गई।
जोशीमठ कोतवाली के प्रभारी राकेश भट्ट ने बताया कि पीड़ित ग्रामीणों की तहरीर के आधार पर गांव के 28 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इधर, सुभाईंचांचड़ी के सवर्ण जाति के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में होने वाले मेले में विवाद को रोकने के लिए पंचायत हर साल निर्णय लेती है कि कोई भी ग्रामीण विवाद करेगा या शराब पीकर आएगा, तो उसको दंड लगाया जाएगा। यह व्यवस्था सालों से चली आ रही है। इसी व्यवस्था के तहत ढोलवादक पर जुर्माना लगाया गया था। एससी वर्ग के लोगों का बहिष्कार या जल, जंगल, जमीन से दूर करने वाला आरोप गलत है।